कठोरपन का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- मांसपेशी तंत्र के रोग : - बदन दर्द ,मांसपेशियो का दर्द ,पिंडलियों का दर्द, ऐडियों व तलवों का दर्द, हथेली व तलवों की जलन ,शरीर की सूजन,मांसपेशियों का खिचाव व कठोरपन आदि|
- अस्थी संधिशोथ - यथा नाम तथा गुण - इसमें जोड़ों के अंदर कई जगह बदलाव आ जाते है , जोड़ों में दर्द और कठोरपन इस रोग के प्रमुख लक्षण होते हैं .
- इतने अधिक बड़े हैं कि अवक्षेपण को कठोरपन प्रदान करते हैं ( जिसकी कुछ स्टील्स में,जहां फेराइट मैट्रिक्स के माध्यम से गतिमयता में अव्यवस्था पैदा कर संयोजित अवक्षेपण [[प्लास्टिक{/0 में {0}विरूपण]]रोक सकता है.
- ये गलनक्रांतिक कार्बैड्स ( carbides) इतने अधिक बड़े हैं कि अवक्षेपण को कठोरपन प्रदान करते हैं (जिसकी कुछ स्टील्स में,जहां फेराइट मैट्रिक्स के माध्यम से गतिमयता में अव्यवस्था पैदा कर संयोजित अवक्षेपण प्लास्टिकविरूपणरोक सकता है.
- लिंगमुंड पर चींटियों के रेगनें जैसा अहसास हो रहा हो तथा डंक लगने जैसी अनुभूति हो रही हो अण्डकोष में कुचले जाने जैसा दर्द तथा कठोरपन महसूस हो रहा हो , कुछ समय के लिए लिंग में उत्तेजना होकर वीर्यपात हो जाना तथा लिंग में दर्द होना।
- लिंग मे कठोरपन ना आना , लिंग का टेढ़ा अथवा छोटा होना , लिंग के तनाव ( कठोरपन ) से साथी को सन्तुष्ठ ना कर सकना , धात , स्वपनदोष का समय पर न इलाज होना भी इस रोग को बढ़ाता है , जीवनसाथी को सन्तुष्ठ ना कर सकना .
- लिंग मे कठोरपन ना आना , लिंग का टेढ़ा अथवा छोटा होना , लिंग के तनाव ( कठोरपन ) से साथी को सन्तुष्ठ ना कर सकना , धात , स्वपनदोष का समय पर न इलाज होना भी इस रोग को बढ़ाता है , जीवनसाथी को सन्तुष्ठ ना कर सकना .
- ये गलनक्रांतिक कार्बैड्स ( carbides ) इतने अधिक बड़े हैं कि अवक्षेपण को कठोरपन प्रदान करते हैं ( जिसकी कुछ स्टील्स में , जहां फेराइट मैट्रिक्स के माध्यम से गतिमयता में अव्यवस्था पैदा कर संयोजित अवक्षेपण [[ प्लास्टिक { / 0 में { 0 } विरूपण ]] रोक सकता है .
- अगर इसका इलाज समय पर करवा लिया जाये तो जीवन मे खुशहाली बनी रहती है क्योकि केवल पैसे से खुशहाली हासिल नही की जाती केवल समय पर सही डाक्टर के इलाज से जिंदगी को नरक बनने से रोका जा सकता है और इलाज से जिंदगी मे खुशीया लाये और लिंग मे तनाव ( कठोरपन ) और टाईम बढ़ने से खुशी दिन ब दिन बढ़ेगी .
- उसके हाथ सदा से तो ऐसे न रहे होंगे कभी तो कोमल रहे होंगे उसके कभी तो उनमें भी रचती रही होगी मेहदी लेकिन जब से जानता हूँ मां को देख रहा हूँ उसके हाथों के कठोरपन को रात में हमें जब आ रही होती थी नींद आती थी वह हमारे पास तेल की कटोरी लिए अपने कठोर हाथों से लगाती हमारे सिर पर तेल सवांरती हमें जब हम नींद में जा पहुँचते तब तक वह जागती हमारे सिरहाने बैठ कर हमारा मुह निहारती।