कण्ठ्य का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ग़ को भाषाविज्ञान के नज़रिए से ' घोष कण्ठ्य संघर्षी' वर्ण कहा जाता है।
- ' ख़' की ध्वनि को विसर्ग में ही अघोष कण्ठ्य वर्णों से पहले उच्चारित किया जाता था।
- जितने भी वर्ण है वे अ ( कण्ठ्य स्वर) और म् ओष्ठय स्वर के बीच उच्चरित होते हैं।
- जितने भी वर्ण है वे अ ( कण्ठ्य स्वर) और म् ओष्ठय स्वर के बीच उच्चरित होते हैं।
- [ 1] 'ख़' की ध्वनि को विसर्ग में ही अघोष कण्ठ्य वर्णों से पहले उच्चारित किया जाता था।
- ध्यान दीजिये कि ' ख़' और 'ख' दोनों कण्ठ्य ध्वनियाँ हैं और 'ख' हिंदी में 'ख़' से अधिक प्रचलित है।
- ध्यान दीजिये कि ' ख़' और 'ख' दोनों कण्ठ्य ध्वनियाँ हैं और 'ख' हिंदी में 'ख़' से अधिक प्रचलित है।
- जितने भी वर्ण है वे अ ( कण्ठ्य स्वर ) और म् ओष्ठय स्वर के बीच उच्चरित होते हैं।
- कण्ठ्य - जीभ के निचले और पिछले हिस्से के संयोग से निर्माण होने वाले - क् , ख्, ग्, घ्, ङ्२.
- ग़ को भाषाविज्ञान के नज़रिए से घोष कण्ठ्य संघर्षी वर्ण कहा जाता है ( अंग्रेजी में इसे वाएस्ड वेलर फ़्रिकेटिव कहते हैं)।