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कथा-वाचक का अर्थ

कथा-वाचक अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. इसी श्रापित दण्डकारण्य की उत्तर-पश्चिमी तथा उत्तर-पूर्वी सीमा को स्पर्श करते दो जनपदों में दो मुसलमान रहते हैं जो तुलसीकृत रामचरित मानस के “ रामायणी कथा-वाचक ” के रूप में विख्यात हैं।
  2. मैंने उपन्यास की भूमिका में ससंकोच स्पष्ट किया है कि यह उपन्यास ‘ पाल-गायक ' [ मुख्य गायक / कथा-वाचक ] की चचेरी बहन है क्यूंकि दोनों संवेग-पूर्ण संवादों का प्रयोग करती है .
  3. यह उपन्यास में ठीक उसी तरह से चित्रित है जिस तरह से मौखिक और सामाजिक-सांस्कृतिक परम्पराओं के कथा-वाचक होते हैं , और यह सेनापति की कथन-शैली है जो कथा-वाचक को यथार्थ के एक गंभीरतम रूप को रचने कि शक्ति प्रदान करती है .
  4. यह उपन्यास में ठीक उसी तरह से चित्रित है जिस तरह से मौखिक और सामाजिक-सांस्कृतिक परम्पराओं के कथा-वाचक होते हैं , और यह सेनापति की कथन-शैली है जो कथा-वाचक को यथार्थ के एक गंभीरतम रूप को रचने कि शक्ति प्रदान करती है .
  5. छह माड़ आठ गुंठ ' का कथा-वाचक हमें एक सक्रिय पाठक होने के लिए मजबूर करता है और खुद को कथानक के अर्थ निकालने में संलग्न करता है मगर सामाजिक पूर्वाग्रहों और विचारधाराओं का परिहार करते हुए क्योंकि ये दुनिया के बारे में हमारी समझ को विकृत और दूषित करती हैं .
  6. आपके द्वारा प्रस्तुत विमर्श में आपका ध्यान वस्तुनिष्ठ यथार्थवाद , सामाजिक संघर्ष , बुर्जुआ वर्ग का उदय और बुर्जुआ कि विश्व-दृष्टि जैसे प्रमुख यूरोपीय आलोचनात्मक सरोकारों से हटकर यथार्थवाद की परियोजना पर केंद्रित होता है जिसके आधारभूत घटक हैं कथा-वाचक की आवाज , लहजा , सबकुछ देख सकने वाली दृष्टि , व्यंगपूर्ण टिप्पणी की शैली , कथानक की रूढ़ता और मौन तथा उद्घाटन यादि .
  7. शिष्य-परम्पराएँ जो कि गुरुओं से इन्हें लेती हैं , उन्हें संरक्षित भी करती हैं , | परिवार उन्हें संरक्षित भी करते हैं और परिवर्तित और परिवर्धित भी , रासो का उदाहरण आपके सामने है | हर कथा-वाचक उसमे अपने प्रिय नायक निकालता है , प्रिय घटनाएँ निकालता है , कईयों को खलनायकों में ही रूचि हो जाती है और उसमे मानवता की खोज करने लगता है ..
  8. सेनापति का उपन्यास भले ही एक्टिविज़्म की किसी परंपरा से निकल कर न आया हो [ यद्यपि दिल्ली विश्विद्यालय के नारीवादी विद्वान विद्युत मोहंती का तर्क है कि ये अप्रत्यक्ष्य रूप से ' लक्ष्मी-पुराण ' से प्रभावित है ] मगर इस उपन्यास में कथा-वाचक कहानी कहने का सिर्फ एक तटस्थ जरिया ही नहीं है इस उपन्यास में कहानी से भी अधिक महत्वपूर्ण इसके कथा-वाचक का चालाक मगर तीखा सामाजिक आलोचनात्मक रुख है , जिसकी पाठक उपन्यास को पढ़ते या दुबारा पढ़ते हुए प्रशंसा करना सीखते हैं .
  9. सेनापति का उपन्यास भले ही एक्टिविज़्म की किसी परंपरा से निकल कर न आया हो [ यद्यपि दिल्ली विश्विद्यालय के नारीवादी विद्वान विद्युत मोहंती का तर्क है कि ये अप्रत्यक्ष्य रूप से ' लक्ष्मी-पुराण ' से प्रभावित है ] मगर इस उपन्यास में कथा-वाचक कहानी कहने का सिर्फ एक तटस्थ जरिया ही नहीं है इस उपन्यास में कहानी से भी अधिक महत्वपूर्ण इसके कथा-वाचक का चालाक मगर तीखा सामाजिक आलोचनात्मक रुख है , जिसकी पाठक उपन्यास को पढ़ते या दुबारा पढ़ते हुए प्रशंसा करना सीखते हैं .
  10. क्या कभी ऐसा समय आया जब चार अन्य अनुवादकों में से आप सेनापति के इस असमतल , उबड़-खाबड़ भरे सांकेतिक सतह वाले उपन्यास का अंग्रेजी अनुवाद करते हुए किसी कठिनाई में फंसे हों ? क्या आपने इस उपन्यास के मौखिक , प्रदर्शनपरक और भंगिमापरक आयामों , ख़ास करके कथा-वाचक द्वारा अपनाए गए विभिन्न अर्थ-भंगिमायों के विस्तार को जिसमे मूक-विलंबन , या संदेहवाद जो खुले तौर या वक्रता के साथ प्रकट होता है , कोई भी निर्णय देने के संकोची अस्वीकार आदि सम्मिलित हैं , के अनुवाद के लिए कोई रणनीति बनाई ?
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