कनीनिका का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- खसरे की जटिलताएं अपेक्षाकृत साधारण ही हैं , जिसमें हल्के और कम गंभीर दस्त से लेकर, निमोनिया और मस्तिष्ककोप, (अर्धजीर्ण कठिन संपूर्ण मस्तिष्क शोथ), कनीनिका व्रणोत्पत्ति और फिर उसकी वजह से कनीनिका में घाव के निशान रह जाने के खतरे हैं.
- खसरे की जटिलताएं अपेक्षाकृत साधारण ही हैं , जिसमें हल्के और कम गंभीर दस्त से लेकर, निमोनिया और मस्तिष्ककोप, (अर्धजीर्ण कठिन संपूर्ण मस्तिष्क शोथ), कनीनिका व्रणोत्पत्ति और फिर उसकी वजह से कनीनिका में घाव के निशान रह जाने के खतरे हैं.
- इस गाढ़े काढ़े में शहद को मिलाकर आंखों में रोजाना 3 से 4 बार लगाने से कनीनिका प्रदाह , व्रण ( घाव ) , या ढलका रोग ( आंखों से पानी आना ) पूरी तरह से दूर हो जाता है।
- यह कहा जा सकता है कि अभिलेखन में जिस स्मृति-भ्रंश को जन्म दिया , वह एक आध्यात्मिक घाव था, जबकि इलेक्ट्राॅनिक परदा सिर्फ हमारी कनीनिका को ही घायल करता है और उसके बदले में देता है पाठ्यवस्तु के साथ ध्वनियों और छवियों के निस्सीम और निरवधि विस्तार में 'हाइपररीडिंग‘
- पलकों का बाहर की ओर उलट जाना या कनीनिका के आर-पार दिखाई देना , मोतियाबिन्द , जोड़ों में खिंचाव , सूत्रार्बूद ( फोड़े से सूत की तरह कीड़े निकलना ) , त्वचा में खिंचाव होना आदि लक्षणों को ठीक करने के लिए थिओसिनामीनम-रोडैलिन औषधि का प्रयोग किया जाता है।
- कनीनिका की अपारदर्शिता , आंखों की रोशनी कम होना , मलद्वार में खुजली होना , ठण्डा बलगम आना , हत्पेशियों का अपजनन ( माइकारडियल डिगेनरेशन ) पैरों में पानी भर जाना , रोगी को हर सातवें दिन सिर में दर्द हो जाना आदि में भी सैकरम आफीसिनैलि-सुक्रोज औषधि लाभ करती है।
- आंखों से सम्बंधित लक्षण - दृष्टिपटल के ऊपर दाने सी जलन सी होना , दृष्टिपटल के ऊपर धब्बों में जमाव होना , आंखों की रोशनी कम होना , मोतियाबिन्द , रोमक पिण्ड ( सीलेरी बॉडीद्ध में रिसाव होना , कनीनिका की अपारदर्शिता जैसे आंख के रोगों के लक्षणों में नैफ्थालिन औषधि काफी लाभ करती है।
- आंखों से सम्बंधित लक्षण - दृष्टिपटल के ऊपर दाने सी जलन सी होना , दृष्टिपटल के ऊपर धब्बों में जमाव होना , आंखों की रोशनी कम होना , मोतियाबिन्द , रोमक पिण्ड ( सीलेरी बॉडीद्ध में रिसाव होना , कनीनिका की अपारदर्शिता जैसे आंख के रोगों के लक्षणों में नैफ्थालिन औषधि काफी लाभ करती है।
- मोतियाबिंद कनीनिका में चोट लगने के कारण , आंखों में किसी तरह की चोट लगने के कारण , बुढ़ापे की हालत में , मधुमेह ( शूगर यानी डायबिटीज ) , गठिया ( जोड़ों के दर्द ) , वृक्क प्रदाह ( गुर्दे की जलन ) और धमनी रोग आदि रोगों के कारणों से आंखों में हो जाता है।