कपिंजल का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- रानी : अजी कपिंजल! इनसे पूछो तो यह कौन हैं या मैं ही पूछती हूं।
- रानी : महाराज का पुरोहित आर्य कपिंजल बैठा ही है फिर किस की देर है?
- रानी : अजी कपिंजल ! इनसे पूछो तो यह कौन हैं या मैं ही पूछती हूं।
- चातक , कपिंजल , कपिंज्जल , कुक्कू 11 . नली , पोली गोल लम्बी वस्तु 12 .
- चातक , कपिंजल , कपिंज्जल , कुक्कू 11 . नली , पोली गोल लम्बी वस्तु 12 .
- रानी : महाराज का पुरोहित आर्य कपिंजल बैठा ही है फिर किस की देर है ? विदू . :
- ( 1) कलविंक (सुरापान करने वाले मुख से), (2) तीतर (समस्त दिशादर्शी मुख से) तथा (3) कपिंजल (वेदाभ्यासी मुख से) आविर्भूत हुए।
- विदू . : ( क्रोध से ) तो महारानी स्पष्ट क्यों नहीं कहती कि यह दासी विचक्षणा बहुत अच्छी है और कपिंजल ब्राह्मण बहुत निकम्मा है।
- तीनों सिर कटने पर जिस मुंह से वह वेदपाठ करता था , उससे 'कपिंजल' पक्षी; जिससे सुरापान करता था, उससे 'गौरैये' तथा जिससे दिशाओं को देखता था, उससे 'तीतर' पक्षी प्रकट हुए।
- पूर्व मीमांसा के कपिंजलाधिकरण नामक प्रकरण में ' कपिंजलानालभेत ' - “ कपिंजल पक्षियों को मारे ” , इस वचन में बहुवचन के खयाल से तीन ही पक्षियों की बात मानी गई है।