कर्माधीन का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- गरीबी , अपंगता या ऐसे ही किसी अन्य दुर्भाग्य को प्रारब्ध या कर्माधीन मानने से आत्मसम्मान क्षीण नही होता , बल्कि एक सुदृढ ध्येय प्राप्त होता है कि- “ बीती ताही बिसार के आगे की सुध लेह ” अर्थात दुर्भाग्य अगर मेरे पूर्वकृत कर्मो का प्रतिफल है तो मुझे अधिक सावधान रहना चाहिए और आगे के लिए बुरे कर्मफलादि का सँग्रहण नही करना चाहिए , ऐसा आस्थावान निश्चित ही अच्छे कर्म और पुरूषार्थ मेँ प्रयत्नशील रहेगा .