कर्मेंद्रिय का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इसके अनुसार प्रकृति से महत् या बुद्धि , उससे अहंकार , तामस , अहंकार से पंच-तन्मात्र ( शब्द , स्पर्श , रूप , रस तथा गंध ) एवं सात्विक अहंकार से ग्यारह इंद्रिय ( पंच ज्ञानेंद्रिय , पंच कर्मेंद्रिय तथा उभयात्मक मन ) और अंत में पंच तन्मात्रों से क्रमश : आकाश , वायु , तेजस् , जल तथा पृथ्वी नामक पंच महाभूत , इस प्रकार तेईस तत्व क्रमश : उत्पन्न होते हैं।