कल्माषपाद का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- रघु के पुत्र प्रवृद्ध हुये जो एक शाप के कारण राक्षस हो गये थे , इनका दूसरा नाम कल्माषपाद था।
- रघु के पुत्र प्रवृद्ध हुये जो एक शाप के कारण राक्षस हो गये थे , इनका दूसरा नाम कल्माषपाद था।
- हे शत्रुघ्न ! इस प्रकार राजा कल्माषपाद उस शाप को भोगकर पुनः राज्य प्राप्त कर धैर्यपूर्वक प्रजा का पालन करने लगे।
- हे शत्रुघ्न ! इस प्रकार राजा कल्माषपाद उस शाप को भोगकर पुनः राज्य प्राप्त कर धैर्यपूर्वक प्रजा का पालन करने लगे।
- पुराणों का अनुसरण करके पार्जिटर नेहरिचन्द्र को वैवस्वत मनुका ३३वाँ वंशधर , सगर को ४०वाँ, सगरवंशीभगीरथी को ४४वाँ, कल्माषपाद को ५२वाँ, तथा राम को ६३वाँ वंशधर पुरुष मानाहै.
- उनमें से प्रमुख हैं : 1. वसिष्ठ देवराज-अयोध्या के त्रय्यरुण, त्रिशंकु एवं हरिश्चंद्र के काल में।2. वसिष्ठ आपव-हैहयराज कार्तवीर्य अर्जुन के समकक्ष।3. वसिष्ठ अथर्वनिधि-अयोध्या के बाहुराजा का समकालीन।4. वसिष्ठ श्रेष्ठभाज-अयोध्या के मित्रसह कल्माषपाद सौदाह राजा के काल के।5. वसिष्ठ अथर्वनिधि (द्वितीय)-अयोध्या के दिलीप खट्वांग के
- इक्ष्वाकु के बाद ख्याति प्राप्त करने वाली वंश परंपरा इस प्रकार चली- ककुत्स्थ , पृथु, युवनाश्व, श्रावन्तक, बृहदश्व, कुबलाश्व, दृढ़ाश्व, हर्यश्व, निकुम्भ, सेहताश्व, रणाश्व, युवनाश्व, मान्धाता, पुरुकुत्स, सम्भूत, सुधन्वा, त्रिधन्वा, तरुण, सत्यव्रत, हरिश्चंद्र (सत्यवादिता के लिए प्रसिद्ध), रोहिताश्व, वृक, बाहु, सगर, असमंजस, अंशुमान, दिलीप, भगीरथ (गंगा को पृथ्वी पर लाने के लिए प्रसिद्ध), नाभाग, अम्बरीष, सिन्धुद्वीप, श्रुतायु, ऋतुपर्ण, कल्माषपाद, सर्वकर्मा, अनरण्य, निघ्र, दिलीप, रघु, अज और दशरथ।