कषाय का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- गुण- गुरु , स्निग्ध, रस- मधुर, तिक्त , कषाय
- गुण- गुरु , स्निग्ध, रस- मधुर, तिक्त , कषाय
- किंतु कषाय रस की अधिकता रहती है।
- कषाय मंद करने का पर्व है क्षमा-याचनाः आचार्यश्री महाश्रमण
- हरड़ में मधुर , तिक्त और कषाय रस रहता है।
- यथा -मधुर , खट्टा, नमकीन, तिक्त, कषाय एवं कटु ।
- यह कषाय अनन्त संसार में भटकाती है।
- 1 विक्षेप 2 कषाय और 3 रसा स्वाद ।
- हरीतकी में मधुर अम्ल कटु कषाय तिक्त रस है।
- यह हिम कषाय से हल्का होता है।