क़द-काठी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- क्या किसी भी अन्य देश में , जो क़द-काठी में भारत जैसा ही हो, निठारी हो सकता था?
- मिलकर लगा कि कबीर बेदी की अनूठी क़द-काठी और रौबदार आवाज़ सचमुच बिना किसी ख़ास कोशिश के ही उनकी शख़्सियत बयान कर देते हैं .
- उसके क़द-काठी को देखकर मन में दर भी लगा कि कही सड़क पार कर मुझे ही निशाना बनाने कि फिराक में तो नही है ।
- समकालीन कविता ने वैसी दृष्टि हासिल की या नहीं , यह संदिग्ध है ......... समकालीन कविता इन सबके बावजूद अभी छोटे क़द-काठी की कविता है।
- अगर हमारी क़द-काठी , रंग-रूप और व्यवहार जैसी चीज़ें हमारी जेनेटिक संरचना का परिणाम हो सकती हैं तो धर्म को लेकर हमारे रूझान क्यों नहीं ?
- हालांकि गेंहुए रंग और , छरहरे क़द-काठी वाले , सुमंत कुमार कहते हैं कि उन्हें तो पता भी नहीं था कि धान और आलू का कोई रिकॉर्ड भी होता हैं .
- हम आपको ग़लत नहीं बोलेगा साहब , आप हमारा मेहमान है, इसलिए ख़ूब ख़िदमत करेगा हम आपका, पारंपरिक फैरन पहने हुए छरहरी क़द-काठी के अब्दुल सलाम मुंडु के इतने आग्रह पर उनकी बात मैं टाल नहीं सका.
- तुम्हें मेरी याद न होगी लेकिन मुझे तुम नहीं भूली हो चलती ट्राम में फिर आंखों के आगे झूली हो तुम्हारी क़द-काठी की एक नन्हीं-सी , नेक सामने आ खड़ी है तुम्हारी याद उमड़ी है चेतना पारीक, कैसी हो? पहले जैसी हो?
- वैसा ही दुबला-पतला , वैसी ही क़द-काठी! मैंने भी सोच लिया कि काक्का रामदीना, तूने कोट जलाया है तो मैं भी हलवाई का पुत्तर हूं ......! मेरा बाप अजमल खां रोड पर बरफी टुकड़े तोड़कर तोलता था सोने की तरह! हलवाई था न!
- और जनाब उस तुर्की क़द-काठी के क्या कहने ! लम्बा कद , इकहरा जिस्म , किताबी चेहरा , चौड़ी पेशानी , घनी लम्बी पलकें , बादामी आँखें और सुर्ख-ओ-सुपैद रं ग. .. हाय ! जिसने भी उन्हें देखा , कमबख्त ग़ालिब का ही हो गया .