काट-कूट का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- छप्पन छुरी बना के का करबो ? अगवार काटब , पिछवार काटब , नौहर काटब , सासूर काटब , काट-कूट के पंग बहाइबै , तब राजा बली कहाईब।
- विशाल धरती में ही यह क्षमता होती है कि वह खोदाई के कष्ट को झेले , सुविस्तृत वनराजि में ही यह क्षमता है कि वह काट-कूट को सहन कर सके।
- बालक कहते हैं कि इतने ही जमीन में अब सालाना 20 - 25 लाख रुपये का कारोबार हो जाता है और सब काट-कूट भी दिया तो पांच लाख तो बचत हो ही जाती है .
- “ अरे मेरी जान ! … ये कोई ‘ भिण्डी ' … . ‘ तोरई ' या ‘ करेले ' की तरकारी नहीं है कि बस काट-कूट के तड़का लगाया और हो गया काम-तमाम ” … .
- छप्पन छुरी बना के का करबो ? अगवार काटब, पिछवार काटब, नौहर काटब, सासूर काटब, काट-कूट के पंग बहाइबै, तब राजा बली कहाईब।”विधि- ‘दीपावली' या ‘ग्रहण'-काल में एक दीपक के सम्मुख उक्त मन्त्र का २१ बार जप करे।
- मुबारक के यहां सब एक बंदर पाले थे , कुछ दिन पीछे पगलाकर जवान ने खूब उधम मचाईस, तीन कुत्तों ने चांप के रगेद लिया, काट-कूट के बानरजी को जीवन लीला के पार लगा दिया, चंद्रकला देखी तो लगी भां-भां रोने. संपूर्णा के मंगनी के बखत वही आलम.
- यह जो डायरी जिसकी पीठ पर आँखें हैं घूमती मुझे इसका चेहरा मुकद्दर कई कविताएं अधूरी या शायद सारी कई तो मात्र अक्षर फूटी हूई इसी में कर्ज की लिखा-पढ़ी काट-कूट हाँ इसी में , मैं क्या कहाँ से सुना रहा मुझे कुछ पता नहीं , मुझे कुछ नहीं ...
- मुबारक के यहां सब एक बंदर पाले थे , कुछ दिन पीछे पगलाकर जवान ने खूब उधम मचाईस , तीन कुत् तों ने चांप के रगेद लिया , काट-कूट के बानरजी को जीवन लीला के पार लगा दिया , चंद्रकला देखी तो लगी भां-भां रोने . संपूर्णा के मंगनी के बखत वही आलम .
- मुबारक के यहां सब एक बंदर पाले थे , कुछ दिन पीछे पगलाकर जवान ने खूब उधम मचाईस , तीन कुत् तों ने चांप के रगेद लिया , काट-कूट के बानरजी को जीवन लीला के पार लगा दिया , चंद्रकला देखी तो लगी भां-भां रोने . संपूर्णा के मंगनी के बखत वही आलम .
- वाले हकीकत में अपना शॉप सरेंडर करने वहा जायेंगे और जो भी काट-कूट के मिलता हे कंपनी से निकालने की कोशिश करेंगे , नयी शॉप फिलहान कोई लेने आयेगा नहीं और कंपनी का मासिक बिजनस साप-सीढ़ी के खेल की तरह 99 से 3 पर आ जाएगा और सब लोग टी सी जी की तरफ देखेंगे की वे कैसे उसे वापस शीघ्र 99 पर लाते हे लेकिन अब उनकी चालबाजियों का खेल चलेगा नहीं, अब कई नियम-अधिनियम लागु होंगे और वे