कात्यायन ऋषि का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- शास्त्रों के अनुसार कात्यायन ऋषि के तप से प्रसन्न होकर मां आदि शाक्ति ऋषि कात्यायन की पुत्री के रूप में अवतरित हुई।
- आश्विन कृष्ण चतुर्दशी को जन्म लेकर शुक्त सप्तमी , अष्टमी तथा नवमी तक तीन दिन इन्होंने कात्यायन ऋषि की पूजा ग्रहण कर दशमी को महिषासुर का वध किया था।
- आश्विन कृष्ण चतुर्दशी को जन्म लेकर शुक्त सप्तमी , अष्टमी तथा नवमी तक तीन दिन इन्होंने कात्यायन ऋषि की पूजा ग्रहण कर दशमी को महिषासुर का वध किया था।
- आश्विन कृष्ण चतुर्दशी को जन्म लेकर शुक्त सप्तमी , अष्टमी तथा नवमी तक तीन दिन इन्होंने कात्यायन ऋषि की पूजा ग्रहण कर दशमी को महिषासुर का वध किया था।
- आश्विन कृष्ण चतुर्दशी को जन्म लेकर शुक्त सप्तमी , अष्टमी तथा नवमी तक तीन दिन इन्होंने कात्यायन ऋषि की पूजा ग्रहण कर दशमी को महिषासुर का वध किया था।
- महíष कात्यायन के यहां पुत्री के रूप में उत्पन्न हुई आश्विन कृष्ण चतुर्दशी को जन्म लेकर शुक्ल सप्तमी , अष्टमी तथा नवमी तक तीन दिन उन्होंने कात्यायन ऋषि की पूजा ग्रहण कर दशमी को महिषासुर का वध किया था।
- कात्यायनी माता का जन्म आश्विन कृष्ण चतुर्दशी को हुवा था , जन्म के पश्चयाता मां कात्यायनी ने शुक्ल सप्तमी , अष्टमी तथा नवमी तक तीन दिन तक कात्यायन ऋषि कि पूजा ग्रहण किथी एवं विजया दशमी को महिषासुर का वध किया था।
- मान्यता अनुसार महर्षि कात्यायन के घर में आश्रि्वन कृष्ण चतुर्दशी को उत्पन्न हुई थीं तथा सप्तमी , अष्टमी तथा नवमी तक तीन दिन तक देवी ने कात्यायन ऋषि की पूजा स्वीकार की और दशमी को महिषासुर का वध करके पृथ्वी को आतंक से मुक्त किया।
- ऐसा कथन है कि कात्यायन ऋषि ने जप कर के पुत्री के रूप में जिस शक्ति की कामना की , उसका भाव यही है कि मेरी सारी इन्द्रियां वश में हो जायें , मेरा आचरण पिता की तरह हो जाये और मन को पुत्री मान कर उसका लालन पोषण करूं अगर मन की पुत्री मान जाये तो सारी बुरी शक्तियां अपने आप समाप्त हो जाती हैं ..