काम निकलना का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- श्रद्धा ( ३८)है जुड़ा हर कर्म आज फायदे सेफायदा भी क्या, बस पैसा मिलना चाहिएहै अपेक्षा दूसरों से संस्कार, तहजीब कीख़ुद का कैसे भी काम निकलना चाहिएस्वार्थ से आदमी चालाक हो गया हैसंस्कारित लगता है नालायक हो गया हैथे बुद्ध पढ़े-लिखे, पर ज्ञान कब मिलाश्रद्धा मिलते ही अज्ञान निकलना चाहिए
- कहीं आप रूटीन काम के लिए “ फीस ” देते हैं तो कहीं मजबूरी में “ चाय-पानी ” . लेकिन यदि कोई इसके जरिये अपनी “ सेटिंग ” करना चाहता हैं तो “ मिठाई का डिब्बा ” “ पेटी ” या “ खोखा ” तक देने में ऐतराज नहीं होता , बस किसी तरह अपना काम निकलना चाहि ए.
- कितना भी पढ़ लिख लें , पर समय के साथ ही अज्ञान तिरोहित हो सकता है , इसी सन्दर्भ में प्रस्तुत है श्रद्धा ( ३ ८ ) है जुड़ा हर कर्म आज फायदे से फायदा भी क्या , बस पैसा मिलना चाहिए है अपेक्षा दूसरों से संस्कार , तहजीब की ख़ुद का कैसे भी काम निकलना चाहिए स्वार्थ से आदमी चालाक हो गया है संस्कारित लगता है नालायक हो गया है थे बुद्ध पढ़े-लिखे , पर ज्ञान कब मिला श्रद्धा मिलते ही अज्ञान निकलना चाहिए