कुभाव का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- भाव कुभाव अनख आलस हू ।
- भाव कुभाव अनख आलस हू ।
- भाव कुभाव अनख आलस हू ।
- कबहुँ भाव कुभाव ते , जनि मिटि जाय सनेह ॥ 670 ॥
- लेकिन क्या अभाव होने पर भी कुभाव से बचा जा सकता है ?
- कहा भी गया हैः भाव कुभाव अनख आलसहुं नाम जपत मंगल दिसि दशहुं।।
- इस पर ध्यान न करद्ध वही सेवा और सम्मान का भाव कुभाव बदलने लगता है।
- इस पर ध्यान न करद्ध वही सेवा और सम्मान का भाव कुभाव बदलने लगता है।
- मन के द्वन्द्व , सन्देह , ईर्ष्या आदि कुभाव हमें पल- पल इससे दूर करते हैं।
- भाव से कुभाव से आलस्य से बेमन से भी जो इस सत्यनाम को जपता है ।