कुलक्षण का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- वादि , कुलक्षण, वेद-विद्या का प्रचार आदि कुकर्म हैं, जब आपस में भाई-भाई लडते हैं और तभी तीसरा विदेशी आकर पंच बन बैठता है।
- छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी बात जो स्त्री अपनी मर्ज़ी और पसन्द से करें उसे ही कुलक्षण की संज्ञा मिल जाती है ।
- विनय अपयश का नाश करता हैं , पराक्रम अनर्थ को दूर करता है, क्षमा सदा ही क्रोध का नाश करती है और सदाचार कुलक्षण का अंत करता है।
- “विनय अपयश का नाश करता हैं , पराक्रम अनर्थ को दूर करता है, क्षमा सदा ही क्रोध का नाश करती है और सदाचार कुलक्षण का अंत करता है।”
- 22 विनय अपयश का नाश करता हैं , पराक्रम अनर्थ को दूर करता है , क्षमा सदा ही क्रोध का नाश करती है और सदाचार कुलक्षण का अंत करता है।
- अथवा दुों के साथ रहने से मुझे शठ समझकर मेरा उ ( ार नहीं कर रहे हैं, मेरी उपेक्षा कर रहे हैं, तो पिफर आप द्विजिध्ृक साँप को धरण करके अथवा द्विजिध्ृक चुगलखोर को साथ में रखकर ‘शठ' अथवा अलक्षण या कुलक्षण वाले नहीं
- विदेशियों के आर्यावर्त में राज्य होने के कारण आपस की फूट , मतभेद, ब्रह्मचर्य का सेवन न करना, विधान पढना-पढाना व बाल्यावस्था में अस्वयंवरविवाह, विषयासक्ति, मिथ्या भाषावादि, कुलक्षण, वेद-विद्या का प्रचार आदि कुकर्म हैं, जब आपस में भाई-भाई लडते हैं, और तभी तीसरा विदेशी आकर पंच बन बैठता है।
- यह जरूरी नहीं कि एक आम आदमी में ही ऎसे कुलक्षण हों , बल्कि हकीकत यह है कि आदमी जितना बड़ा होता चला जाता है , उतने ही अनुपात में उसके भीतर से मनुष्यता , संवेदनशीलता , निष्काम सेवा एवं परोपकार के भाव पलायन करते चले जाते हैं।
- विदेशियों के आर्यावर्त में राज्य होने के कारण आपस की फूट , मतभेद, ब्रह्मचर्य का सेवन न करना, विधान पढना-पढाना व बाल्यावस्था में अस्वयंवरविवाह, विषयासक्ति, मिथ्या भाषावादि, कुलक्षण, वेद-विद्या का प्रचार आदि कुकर्म हैं, जब आपस में भाई-भाई लडते हैं, और तभी तीसरा विदेशी आकर पंच बन बैठता है।
- निस्संदेह ऐसी संकेतावलियों में हर युग और सभ्यता अपनी नैतिक अवनति और दुरावस्था का प्रतीकभास देखते आये हैं और भले ही मानव-जाति या सृष्टि का अंत अभी न हुआ हो , महर्षि वेदव्यास विरचित 'महाभारत' में वर्णित दुर्दांत अपशकुन, दु:स्वप्न और कुलक्षण इस इक्कीसवीं सदी में अधिक प्रासंगिक, आसन्न और अवश्यंभावी प्रतीत हो रहे हैं.