कुलाल का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- बगड , कुलाल, द्वाराहाट तहसील बगड, कुलाल, द्वाराहाट तहसील बगड, कुलाल, द्वाराहाट तहसील बगड, कुलाल, द्वाराहाट तहसील
- शिवा-शान्ति की मूर्ति नहीं बनती कुलाल के गृह में; सदा जन्म लेती वह नर के मन : प्रान्त निस्पृह में।
- कुलाल बगड , द्वाराहाट तहसील में भारत के उत्तराखण्ड राज्य के अन्तर्गत कुमाऊँ मण्डल के अल्मोड़ा जिले का एक गाँव है।
- शब्दों से मिलते जुलते और भी समूह पाए जाते हैं - जैसे कुलाल - कुलाल कुम्हार को कहा जाता है ।
- शब्दों से मिलते जुलते और भी समूह पाए जाते हैं - जैसे कुलाल - कुलाल कुम्हार को कहा जाता है ।
- इसी तरह वासोवाय , चर्मन , स्वर्णकार , कर्मार , कुलाल , तथा प्रत्यञ्चाकार इत्यादि का वर्ग भी अपना स्थान बना चुका था ।
- इसी तरह वासोवाय , चर्मन , स्वर्णकार , कर्मार , कुलाल , तथा प्रत्यञ्चाकार इत्यादि का वर्ग भी अपना स्थान बना चुका था ।
- जैसे कुलाल के चाक के खूब जोर से घूमने पर भी असावधान आदमी को यह नहीं घूम रहा है , स्थिर है , ऐसा भ्रम होता है , वैसे ही यह संसारप्रवृत्तिरूप कुचक्र भी लोगों को भ्रम में डालता है।
- कबीर ने परम तत्व में कृतत्व शक्ति का आरोप करते हुए जैसे विश्व का सृष्टा भी कहा है - ब्रह्म राम जिन सृष्टि उपाई नाम कुलाल धराया उपनिषदों की भांति कबीर ने भी कहा है - वह अलख है , निरंजन है , उसे कोई देख नही सकता , वह निराकार है , वह न शून्य है न अशून्य है , न स्थूल है , न सूक्ष्म-
- शान्ति बीन तब तक नहीं बजती सुनिश्चित स्वर में सुर की शुद्ध प्रतिध्वनि जब तक उठे ना सुर-सुर में विश्व शान्ति की मूर्ति नहीं बनती कुलाल के गृह में सदा जन्म लेती यह मनुज के मन प्रांत निस्पृह में पृथ्वी हो साम्राज्य स्नेह का जीवन स्निग्ध सरल हो मनुज प्रकृति से विदा सदा ही दैहिक हो गरल हो नर-नर का प्रेमी हो मानव , मानव का विश्वासी अपरिग्रह हो नियम लोग हो कार्यलीन सन्यासी .