कुविचारी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- यम आएगा लेने जब , तब खूब चलूँगा पी हाला, पीड़ा, संकट, कष्ट नरक के क्या समझेगा मतवाला, क्रूर, कठोर, कुटिल, कुविचारी, अन्यायी यमराजों के डंडों की जब मार पड़ेगी, आड़ करेगी मधुशाला।
- ७५। यम आएगा लेने जब , तब खूब चलूँगा पी हाला, पीड़ा, संकट, कष्ट नरक के क्या समझेगा मतवाला, क्रूर, कठोर, कुटिल, कुविचारी, अन्यायी यमराजों के डंडों की जब मार पड़ेगी, आड़ करेगी मधुशाला।
- ऐसी कुविचारी , निकृष्ट , कुचरित्र महिलाओं ने कभी भी अपने महिला समाज का उठाने में कोई भूमिका नहीं अपनाई बल्कि अपने परिवार में असंस्कारी बालक बालिकाओं को रोपित कर समाज की स्थिति और खराब करने में जिम्मेदारी निभायी .
- ७ ५ ।यम आएगा लेने जब , तब खूब चलूँगा पी हाला , पीड़ा , संकट , कष्ट नरक के क्या समझेगा मतवाला , क्रूर , कठोर , कुटिल , कुविचारी , अन्यायी यमराजों केडंडों की जब मार पड़ेगी , आड़ करेगी मधुशाला।।
- ७ ५ ।यम आएगा लेने जब , तब खूब चलूँगा पी हाला , पीड़ा , संकट , कष्ट नरक के क्या समझेगा मतवाला , क्रूर , कठोर , कुटिल , कुविचारी , अन्यायी यमराजों केडंडों की जब मार पड़ेगी , आड़ करेगी मधुशाला।।
- भावार्थ : - अज्ञानी मनुष्य अपने भ्रम को तो समझते नहीं और वे मूर्ख प्रभु श्री रामचन्द्रजी पर उसका आरोप करते हैं , जैसे आकाश में बादलों का परदा देखकर कुविचारी ( अज्ञानी ) लोग कहते हैं कि बादलों ने सूर्य को ढँक लिया॥ 1 ॥
- ७४।अपने अंगूरों से तन में हमने भर ली है हाला , क्या कहते हो, शेख, नरक में हमें तपाएगी ज्वाला,तब तो मदिरा खूब खिंचेगी और पिएगा भी कोई,हमें नमक की ज्वाला में भी दीख पड़ेगी मधुशाला।।७५।यम आएगा लेने जब, तब खूब चलूँगा पी हाला,पीड़ा, संकट, कष्ट नरक के क्या समझेगा मतवाला,क्रूर, कठोर, कुटिल, कुविचारी, अन्यायी यमराजों केडंडों की जब मार पड़ेगी, आड़ करेगी मधुशाला।।७६।यदि इन अधरों से दो बातें प्रेम भरी करती हाला,यदि इन खाली हाथों का जी पल भर बहलाता प्याला,हानि बता, जग, तेरी क्या है, व्यर्थ मुझे बदनाम न कर,मेरे टूटे दिल का है बस एक खिलौना मधुशाला।।