कुषाण राजवंश का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- [ ३] १८० ईसवी के शुरुआत से मध्य एशिया से कई आक्रमण भयल, जेकरे परिणामस्वरूप उत्तर भारतीय उपमहाद्वीप में यूनानी , शक , पार्थी और आखिर में कुषाण राजवंश स्थापित भईलेन।
- 180 ई . के आरम्भ से , मध्य एशिया से कई आक्रमण हुए , जिनके परिणामस्वरूप उत्तरी भारतीय उपमहाद्वीप में यूनानी , शक , पार्थी और अंततः कुषाण राजवंश भी स्थापित हुए।
- [ 5 ] १ ८ ० ईसवी के आरम्भ से मध्य एशिया से कई आक्रमण हुए , जिनके परिणामस्वरूप उत्तर भारतीय उपमहाद्वीप में यूनानी , शक , पार्थी और अंततः कुषाण राजवंश स्थापित हुए।
- [ ३ ] १ ८ ० ईसवी के शुरुआत से मध्य एशिया से कई आक्रमण भयल , जेकरे परिणामस्वरूप उत्तर भारतीय उपमहाद्वीप में यूनानी , शक , पार्थी और आखिर में कुषाण राजवंश स्थापित भईलेन।
- १८० ईसवी के आरम्भ से , मध्य एशिया से कई आक्रमण हुए, जिनके परिणामस्वरूप उत्तरी भारतीय उपमहाद्वीप में यूनानी, शक, पार्थी और अंततः कुषाण राजवंश स्थापित हुए | तीसरी शताब्दी के आगे का समय जब भारत पर गुप्त वंश का शासन था, भारत का “स्वर्णिम काल” कहलाया।
- ५०० ईसवी पूर्व कॆ बाद , कई स्वतंत्र राज्य बन गए| उत्तर में मौर्य वंश, जिसमें चन्द्रगुप्त मौर्य और अशोक सम्मिलित थे, ने भारत के सांस्कृतिक पटल पर उल्लेखनीय छाप छोडी | १८० ईसवी के आरम्भ से, मध्य एशिया से कई आक्रमण हुए, जिनके परिणामस्वरूप उत्तरी भारतीय उपमहाद्वीप में इंडो-ग्रीक, इंडो-स्किथिअन, इंडो-पार्थियन और अंततः कुषाण राजवंश स्थापित हुए | तीसरी शताब्दी के आगे का समय जब भारत पर गुप्त वंश का शासन था, भारत का “स्वर्णिम काल” कहलाया |
- ५०० ईसवी पूर्व के बाद , कई स्वतंत्र राज्य बन गए| उत्तर में मौर्य वंश, जिसमें चन्द्रगुप्त मौर्य और अशोक सम्मिलित थे, ने भारत के सांस्कृतिक पटल पर उल्लेखनीय छाप छोडी | १८० ईसवी के आरम्भ से, मध्य एशिया से कई आक्रमण हुए, जिनके परिणामस्वरूप उत्तरी भारतीय उपमहाद्वीप में इंडो-ग्रीक , इंडो-स्किथिअन , इंडो-पार्थियन और अंततः कुषाण राजवंश स्थापित हुए | तीसरी शताब्दी के आगे का समय जब भारत पर गुप्त वंश का शासन था, भारत का “स्वर्णिम काल” कहलाया| दक्षिण भारत में
- ५०० ईसवी पूर्व के बाद , कई स्वतंत्र राज्य बन गए| उत्तर में मौर्य वंश, जिसमें चन्द्रगुप्त मौर्य और अशोक सम्मिलित थे, ने भारत के सांस्कृतिक पटल पर उल्लेखनीय छाप छोडी | १८० ईसवी के आरम्भ से, मध्य एशिया से कई आक्रमण हुए, जिनके परिणामस्वरूप उत्तरी भारतीय उपमहाद्वीप में इंडो-ग्रीक , इंडो-स्किथिअन , इंडो-पार्थियन और अंततः कुषाण राजवंश स्थापित हुए | तीसरी शताब्दी के आगे का समय जब भारत पर गुप्त वंश का शासन था, भारत का “स्वर्णिम काल” कहलाया| दक्षिण भारत में भिन्न-भिन्न समयकाल में कई
- ५ ०० ईसवी पूर्व कॆ बाद , कई स्वतंत्र राज्य बन गए | उत्तर में मौर्य वंश , जिसमें चन्द्रगुप्त मौर्य और अशोक सम्मिलित थे , ने भारत के सांस्कृतिक पटल पर उल्लेखनीय छाप छोडी | १ ८ ० ईसवी के आरम्भ से , मध्य एशिया से कई आक्रमण हुए , जिनके परिणामस्वरूप उत्तरी भारतीय उपमहाद्वीप में इंडो-ग्रीक , इंडो-स्किथिअन , इंडो-पार्थियन और अंततः कुषाण राजवंश स्थापित हुए | तीसरी शताब्दी के आगे का समय जब भारत पर गुप्त वंश का शासन था , भारत का “ स्वर्णिम काल ” कहलाया |