कुसीद का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- पीछे शुक्राचार्य ने इस वार्ता में कुसीद ( बैंकिग ) को भी वृत्ति के साधन-रूप में सम्मिलित कर दिया है।
- अध्याय-2 चातुर्वर्ण्य विचार , आचार्य का महत्त्व, दरिद्रता की स्थिति में क्षात्र और वैश्यवृत्ति के स्वीकरण की मान्यता, कुसीद (ब्याज लेने) की निन्दा।
- हिंदु धर्म ने ब्याज को ' कुसीद ' नाम दिया है , यानि खराब हालत बनाने वाला, मनुष्य की अवनति करने वाला ।
- हिंदु धर्म ने ब्याज को ' कुसीद ' नाम दिया है , यानि खराब हालत बनाने वाला, मनुष्य की अवनति करने वाला ।
- हिंदु धर्म ने ब्याज को ' कुसीद ' नाम दिया है , यानि खराब हालत बनाने वाला , मनुष्य की अवनति करने वाला ।
- हिंदु धर्म ने ब्याज को ' कुसीद ' नाम दिया है , यानि खराब हालत बनाने वाला , मनुष्य की अवनति करने वाला ।
- इन सभी का तात्पर्य केवल अनापत्ति काल में अपने हाथ में ( स्वयंकृत ) कृषि , वाणिज्य , गोपालन और कुसीद ( सूद का व्यवहार ) करने में हैं।