कुसुंभ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- स्थिरता और चमक के आधार पर नीली , कुसुंभ तथा मंजिष्ठा नामक भेदों में बाँटा जाता है।
- कौन रंग फागुन रंगे कौन रंग फागुन रंगे , रंगता कौन वसंत, प्रेम रंग फागुन रंगे, प्रीत कुसुंभ वसंत।
- स्वर्ण , चांदी अथवा ताम्र के पात्र में कुसुंभ रंग से रंगी हुई बत्ती और तिल का तेल डालकर दीपक प्रज्वलित करें।
- पूर्वानुराग कारण की दृष्टि से गुणश्रवण , प्रत्यक्षदर्शन, चित्रदर्शन, स्वप्न तथा इंद्रजाल-दर्शन-जन्य एवं राग स्थिरता और चमक के आधार पर नीली, कुसुंभ तथा मंजिष्ठा नामक भेदों में बाँटा जाता है।
- पूर्वानुराग कारण की दृष्टि से गुणश्रवण , प्रत्यक्षदर्शन, चित्रदर्शन, स्वप्न तथा इंद्रजाल-दर्शन-जन्य एवं राग स्थिरता और चमक के आधार पर नीली, कुसुंभ तथा मंजिष्ठा नामक भेदों में बाँटा जाता है।
- पूर्वानुराग कारण की दृष्टि से गुणश्रवण , प्रत्यक्षदर्शन , चित्रदर्शन , स्वप्न तथा इंद्रजाल-दर्शन-जन्य एवं राग स्थिरता और चमक के आधार पर नीली , कुसुंभ तथा मंजिष्ठा नामक भेदों में बाँटा जाता है।
- पूर्वानुराग कारण की दृष्टि से गुणश्रवण , प्रत्यक्षदर्शन , चित्रदर्शन , स्वप्न तथा इंद्रजाल-दर्शन-जन्य एवं राग स्थिरता और चमक के आधार पर नीली , कुसुंभ तथा मंजिष्ठा नामक भेदों में बाँटा जाता है।
- २ . - छाया में सुखाये हुए आक के फूल , यवक्षार , कलमीशोरा और कुसुंभ बीज - इन सब औषधों को समान भाग लेकर हरी दूब ( घास ) के रस में खरल करें ।
- ईख , रसराज ( पारा ) , निष्पाव ( सेम ) , राजधान्य ( शालि या अगहनी ) , गोक्षीर ( क्षीरजीरक ) , कुसुंभ ( कुसुम नामक पुष्प ) , कुंकुम ( केसर ) तथा नमक ये आठ वस्तुएं अर्पित करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है , इसलिए इन्हें ' सौभाग्याष्टक ' की संज्ञा दी गई है।
- ईख , रसराज ( पारा ) , निष्पाव ( सेम ) , राजधान्य ( शालि या अगहनी ) , गोक्षीर ( क्षीरजीरक ) , कुसुंभ ( कुसुम नामक पुष्प ) , कुंकुम ( केसर ) तथा नमक ये आठ वस्तुएं अर्पित करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है , इसलिए इन्हें ' सौभाग्याष्टक ' की संज्ञा दी गई है।