कृष्ण चैतन्य का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- मध्य में श्री कृष्ण चैतन्य ( मध्य), श्री नित्यानंद प्रभु (नीले वस्त्र में), श्री अद्वैताचार्य (दाड़ी वाले), श्री गदाधर पंडित (पर्पल धोतीमें), श्री श्रीवास पंडित (केसरिया धोती एवं सिर मुंडा हुआ) शोभित हैं।
- ऐसे क्षणों को जब हम जीते हैं , तो हम अहंभाव से ऊपर उठकर कृष्ण चैतन्य में निवास करने लगते हैं , साथ ही भीतरी परम सत्ता के साथ तादात्म्य स्थापित कर लेते हैं।