कोण दिशा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इसके बाद घर के ईशान कोण दिशा में भगवान शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित करना चाहि ए .
- वास्तु में ईशान दिशा की शुभता का वैज्ञानिक आधार रामावतार शर्मा ईशान कोण दिशा के स्वामी भगवान शंकर हैं।
- इनको ऐसा भवन जिसका मूलांक या नामांक 7 हो तथा वह र्नैत्य कोण दिशा में हो , शुभ रहता है।
- इनको ऐसा भवन जिसका मूलांक या नामांक सात हो तथा वह नैर्ऋत्य कोण दिशा में हो , शुभ रहता है।
- इसके ईशान कोण दिशा की ओर मुख कर शिव का पूजन धूप , पुष्पादि व अन्य पूजन सामग्री से पूजन करना चाहि ए.
- कौन सा कष्ट किस कोण दिशा के कारण होगा यह मैं लिख रहा हूं साथ-साथ उसका उपाय भी लिखने की कोशिश की है .
- र्नैत्य ( दक्षिण-पश्चिम ) कोण दिशा में सीढ़ियों का निर्माण इस तरह करवायें कि उतरते समय व्यक्ति का मुंह , उत्तर या पूर्व की ओर रहे।
- आग्नेय कोण दिशा : पत्नी सुख बाधा , प्रेम में असफलता , वाहन से कष्ट , शृंगार के प्रति अरुचि , नपुंसकता , हर्निया , मधुमेह , धातु एवं मूत्र संबंधी रोग व गर्भाशय रोग आदि कष्ट हो सकते हैं।
- इसके पश्चात स्नान आदि से निवृ्त होकर , घर के ईशान कोण दिशा में एक एकान्त स्थान पर माता संतोषी माता की मूर्ति या चित्र स्थापित करें , पूर्ण पूजन सामग्री तथा किसी बड़े पात्र में शुद्ध जल भरकर रखें .
- नैर्ऋत्य कोण दिशा : नाना व दादा से परेशानी , अहंकार हो जाना , त्वचा रोग , कुष्ठ रोग , मस्तिष्क रोग , भूत-प्रेत का भय , जादू-टोना से परेशानी , छूत की बीमारी , रक्त विकार , दर्द , चेचक व हैजा संबंधी कष्ट हो सकते हैं।