कौंडिन्य ऋषि का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- मगर कौंडिन्य ऋषि को इससे कोई प्रसन्नता नहीं हुई , बल्कि क्रोध में आकर उन्होंने उसके हाथ में बंधे डोरे को तोड़कर आग में जला दिया।
- मगर कौंडिन्य ऋषि को इससे कोई प्रसन्नता नहीं हुई , बल्कि क्रोध में आकर उन्होंने उसके हाथ में बंधे डोरे को तोड़कर आग में जला दिया।