कौमारिक का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- वीरवर मोरवीनंदन श्री बर्बरीक जी का चरित्र स्कन्द पुराण के “माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड ' कौमारिक खंड'” में सुविस्तार पूर्वक दिया हुआ है... 'कौमारिक खंड' के ५९वे अध्याय से ६६वे अध्याय तक यह दिव्य कथा वर्णित है...
- वीरवर मोरवीनंदन श्री बर्बरीक जी का चरित्र स्कन्द पुराण के “माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड ' कौमारिक खंड'” में सुविस्तार पूर्वक दिया हुआ है... 'कौमारिक खंड' के ५९वे अध्याय से ६६वे अध्याय तक यह दिव्य कथा वर्णित है...
- वीरवर मोरवीनंदन श्री बर्बरीक जी का चरित्र स्कन्द पुराण के “माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड ' कौमारिक खंड'” में सुविस्तार पूर्वक दिया हुआ है... 'कौमारिक खंड' के ५९वे अध्याय से ६६वे अध्याय तक यह दिव्य कथा वर्णित है...
- वीरवर मोरवीनंदन श्री बर्बरीक जी का चरित्र स्कन्द पुराण के “माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड ' कौमारिक खंड'” में सुविस्तार पूर्वक दिया हुआ है... 'कौमारिक खंड' के ५९वे अध्याय से ६६वे अध्याय तक यह दिव्य कथा वर्णित है...
- वीरवर मोरवीनंदन श्री बर्बरीक जी का चरित्र स्कन्द पुराण के “माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड ' कौमारिक खंड'” में सुविस्तार पूर्वक दिया हुआ है... 'कौमारिक खंड' के ५९वे अध्याय से ६६वे अध्याय तक यह दिव्य कथा वर्णित है...
- ' श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र” एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तब्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के “माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'”