कौषीतकी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- कौषीतकी से प्रतीत होता है कि उत्तर भारत में भाषा के सम्यक् अध्ययन पर बहुत बल दिया जाता था।
- ब्राह्मण ग्रंथों के पुन : तीन विभाग हैं : 1.ब्राह्मण 2.आरण्यक 3.उपनिषद। ऋग्वेद के दो ब्राह्मण ग्रंथ हैं : कौषीतकी और ऐतेरय।
- ब्राह्मण ग्रंथों के पुन : तीन विभाग हैं : 1.ब्राह्मण 2.आरण्यक 3.उपनिषद। ऋग्वेद के दो ब्राह्मण ग्रंथ हैं : कौषीतकी और ऐतेरय।
- ऋग्वेद , के ब्राह्मण ' ऐतरेय ' और ' कौषीतकी ' यजुर्वेद का ' शतपथ और सामवेद का ' पंचविंश ' है।
- ऋग्वेद , के ब्राह्मण ' ऐतरेय ' और ' कौषीतकी ' यजुर्वेद का ' शतपथ और सामवेद का ' पंचविंश ' है।
- उपनिषदों की कुल ज्ञात संख्या 18 है जिनमें ये दस प्रमुख हैं-ईश , बृहदारण्यक, ऐतरेय, कौषीतकी, केन, छांद्योग्य, तैत्तरीय, कठ, मंड्रक, और मांडूक्य।
- उपनिषदों की कुल ज्ञात संख्या 18 है जिनमें ये दस प्रमुख हैं-ईश , बृहदारण्यक, ऐतरेय, कौषीतकी, केन, छांद्योग्य, तैत्तरीय, कठ, मंड्रक, और मांडूक्य।
- कौषीतकी उपनिषद् ( 4,1) और बौधायन श्रौतसूत्र में काशी और विदेह तथा गोपथ ब्राह्मण में काशी और कोसल जनपदों का साथ-साथ वर्णन है।
- इसके दो ब्राह्मण ग्रन्थ हैं- ऐतरेय और और कौषीतकी तथा इसकी 28 शाखाएँ हैं और इसका ' आयुर्वेद ' उपवेद है ।।
- ये हैं केन , कठ , प्रश्न , मण्डूक , माण्डूक्य , तैत्तिरीय , ऐतरेय , छान्दोग्य , कौषीतकी , श्वेताश्वतर और मैत्रायणी।