खाकरा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- गुजराती कहता है कि अगर उसे फिर एक बार खाकरा खाने को मिला तो वह भी बनाने वाले के पास चला जाएगा।
- गुजराती कहता है कि अगर उसे फिर एक बार खाकरा खाने को मिला तो वह भी बनाने वाले के पास चला जाएगा।
- इसके बाद खाकरा जामठी के लोगों ने गांव में मूलभूत सुविधाओं की कमी को लेकर वोट नहीं देकर अपने गुस्सा जाहिर करने का निर्णय लिया।
- हम लोग तो यहीं पले-बढ़े हैं , लेकिन हमारे माता-पिता अक्सर सूरती फरसन, पारसी, धनसक और खाकरा की बातें किया करते थे, 'इतने बड़े बंगले की देखभाल मुश्किल होगी।' मैंने बात बढ़ाने के लिए पूछा।
- नगर संवाददाता- ! -$बैतूल राष्ट्रीय रा'य मार्ग-59 पर स्थित खाकरा जामठी गांव के लोगों ने सड़क, बिजली, पानी और पुलिया का निर्माण नहीं होने से नाराज होकर विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी है।
- उद्यान में मुख्यतः सागवान , सीरस, ,शीशम, देशी बबूल, सेवन अरडू, चुरैल, नीम, अमलतास, गूलर, झिंझा, कुमठा बहेड़ा, सादड, जामुन, कचनार, सेमल, खैर,ग्वारपाठा, मरोडफली, कलम, सफेदा, रोंज, रूद्राक्ष, अशोक, पीपल, करंज, बैर, आँवला, अर्जुन, अरीठा, खाकरा, तेन्दू, केशीया शामा, आल, रतनजोत, रामबांस, जंगल जलेबी, ईमली, अनार, अमरूद, बांस, पीला बांस, आदि प्रजाति के वृक्ष उपलब्ध हैं।
- इसे हिन्दी में ढाक , टेसू , केसू , खाकरा ; संस्कृत में- पलाश , किंशुक , सुपर्णी , ब्रह्मवृक्ष , उर्दू में- पलास पापड़ा ; तेलगू में- मोदूगा पलाश , मातुका टट्टू , तेल मोदुग ; बंगाली में- पलाश गाछ ; गुजराती में-खाकरा ; तमिल में- पुगु , कतुमुसक , किन्जुल आदि नामों से पुकारते है।
- इसे हिन्दी में ढाक , टेसू , केसू , खाकरा ; संस्कृत में- पलाश , किंशुक , सुपर्णी , ब्रह्मवृक्ष , उर्दू में- पलास पापड़ा ; तेलगू में- मोदूगा पलाश , मातुका टट्टू , तेल मोदुग ; बंगाली में- पलाश गाछ ; गुजराती में-खाकरा ; तमिल में- पुगु , कतुमुसक , किन्जुल आदि नामों से पुकारते है।
- रुद्रप्रयाग जनपद के अन्तर्गत भीरी , बांसवाड़ा व केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के निकट जंगल , रुद्रप्रयाग मुख्यालय के समीप , बडसारी , गंवाणा , खाकरा , नौगांव , नरकोटा , लोली , धोडीधार के समीप , स्यारी , झिरमौली , लमेरी , तैला , भैंसगांव , दैणीमाडा , सुमाड़ी अगस्त्यमुनि , चंद्रापुरी , चोपड़ा , पुनाड़ , बरसू व जाखणी रेंज के अन्तर्गत , पांजणा चोपड़ा , जाखणी व लोंगा के जंगल पूरी तरह जल गये।
- रुद्रप्रयाग जनपद के अन्तर्गत भीरी , बांसवाड़ा व केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के निकट जंगल , रुद्रप्रयाग मुख्यालय के समीप , बडसारी , गंवाणा , खाकरा , नौगांव , नरकोटा , लोली , धोडीधार के समीप , स्यारी , झिरमौली , लमेरी , तैला , भैंसगांव , दैणीमाडा , सुमाड़ी अगस्त्यमुनि , चंद्रापुरी , चोपड़ा , पुनाड़ , बरसू व जाखणी रेंज के अन्तर्गत , पांजणा चोपड़ा , जाखणी व लोंगा के जंगल पूरी तरह जल गये।