गजकर्ण का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- कर्क राशी गजकर्ण के रूप में गणपति जी का ध्यान करें फलों का प्रसाद ही गणपति जी को अर्पित करें गोरोचन का तिलक भगवान् गणपति जी के विग्रह को करें केसर कुमकुम हल्दी मिला कर अपने को भी तिलक करें चार माला का मंत्र जाप करें मूंगे की माला का प्रयोग कर सकते हैं मंत्र-ॐ अंगारकाय अभय प्रदाय स्वाहा :
- उन गजबदन देवदेव की जय हो , जिनके चरणकमल का स्मरण सम्पूर्ण विघन्स्मुह का हरण इस प्रकार कर देता है जैसे सूर्य अन्ध्कारराशी का , जो भी पुरुष विद्यारम्भ , विवाह , गृहप्रवेश , निर्गमन ( घर से बाहर जाने ) , संग्राम अथवा संकट के समय सुमुख , एकदंत , कपिल , गजकर्ण , लम्बोदर , विकट , विघन्नाशन , विनायक , धूम्रकेतु , गणाध्यक्ष , भालचन्द्र और गजानन इन बारह नाम का पाठ या स्मरण भी करता है , उसे किसी प्रकार का विघ्न का भय नहीं होता
- उन गजबदन देवदेव की जय हो , जिनके चरणकमल का स्मरण सम्पूर्ण विघन्स्मुह का हरण इस प्रकार कर देता है जैसे सूर्य अन्ध्कारराशी का , जो भी पुरुष विद्यारम्भ , विवाह , गृहप्रवेश , निर्गमन ( घर से बाहर जाने ) , संग्राम अथवा संकट के समय सुमुख , एकदंत , कपिल , गजकर्ण , लम्बोदर , विकट , विघन्नाशन , विनायक , धूम्रकेतु , गणाध्यक्ष , भालचन्द्र और गजानन इन बारह नाम का पाठ या स्मरण भी करता है , उसे किसी प्रकार का विघ्न का भय नहीं होता