गण्डूष का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- काल के प्रभाव से परिवर्तनशील दोषों में पंचकर्म का महत्व वसन्त ऋतु : शिशिर ऋतु में संचित श्लेष्मा ( कफ ) सूर्य की किरणों से पिघलकर , अग्नि को नष्ट करता हुआ बहुत से रोगों को उत्पन्न कर देता है अर्थात् शरीर में स्थित द्रव्य की समुचित कार्यप्रणाली अवरूद्ध होती है अत : इस ऋतु में तीक्ष्ण वमन , तीक्ष्ण गण्डूष तथा तीक्ष्ण नस्य का प्रयोग करना चाहिए।