गम्भारी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इस वाटिका मेंदिखाने के लिए गम्भारी या पाटला का एक पेड़ कहीं दूर से मंगवाकर लगवाया गया होताहै और बीसों सालों तक उसे पाल-पोसकर बड़ा किया जाता है , तो वह वैद्य याविद्यार्थी एक ही दिन में उसकी छाल चारों ओर से उतारकर १० या १२ रूपये की कीमतका दशमूलारिष्ट बना लेता है.
- - डॉ . अजय कुमार रावत, वरिष्ठ वैज्ञानिक, नेशनल बॉटेनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट लखनऊ इन औषधियों का होता है प्रयोग च्यवनप्राश को तैयार करने में बेल, गनियार, गम्भारी, पाढल की छाल के अलावा बरियश मूल, सरिवन, पकिवन, वनमूंग, वनउड़द, पीपर, गोक्षरू, वनभष्टा, भटकैया, काकड़ासिंगी, भूमिआंवला, मुनक्का, जीवंती, पुष्करमूल, कालाअगर, बड़ी हरड़, गुड्ची, बड़ी इलायची, लाल चंदन, नील कमल, आडूसा की पत्ती, जीवक, ऋषभक, मेदा, मदामेदा, काकोली, क्षीर का कोली, ऋद्धि, बुद्धि और सबसे अधिक मात्रा में आंवले का प्रयोग होता है।