गला बैठना का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- गला बैठना : काली मिर्च को घी और मिश्री के साथ मिलाकर चाटने से बंद गला खुल जाता है और आवाज़ सुरीली हो जाती है।
- गला बैठना · पालक के पत्ते थोड़े पानी में उबालकर लुगदी को गले में बांधने से गले में जलन व सूजन से शीघ्र राहत मिलती है।
- 41 गला बैठना , श्वांस-खांसी और जुकाम : - अदरक का रस और शहद 30 - 30 ग्राम हल्का गर्म करके दिन में तीन बार दस दिनों तक सेवन करें।
- 300 मिलीग्राम की मात्रा में कत्थे का चूर्ण मुंह में रखकर चूसने से गला बैठना , आवाज रुकना , गले की खराश , मसूढों का दर्द , छाले आदि दूर होती है।
- दमा , खांसी , गला बैठना : शलगम को पानी में उबालकर उसके पानी को छानकर और उसमें चीनी मिलाकर पीने से दमा , खांसी और गला बैठने का रोग ठीक हो जाता है।
- दमा , खांसी , गला बैठना : शलगम को पानी में उबालकर उसके पानी को छानकर और उसमें चीनी मिलाकर पीने से दमा , खांसी और गला बैठने का रोग ठीक हो जाता है।
- होम्योपैथिक चिकित्सकों के मतानुसार अडूसा से नाक से छींक आना , सर्दी से खांसी हो जाना , एलर्जी होना , गला बैठना , कुकरखांसी ( हूपिंग कफ ) व साइनोसाइटिस जैसे रोगों में काफी लाभ होता है।
- होम्योपैथिक चिकित्सकों के मतानुसार अडूसा से नाक से छींक आना , सर्दी से खांसी हो जाना , एलर्जी होना , गला बैठना , कुकरखांसी ( हूपिंग कफ ) व साइनोसाइटिस जैसे रोगों में काफी लाभ होता है।
- एलादि वटी : सूखी खांसी , पुरानी खांसी , दमा , रक्त पित्त ( मुंह से खून गिरना ) , वमन , स्वरभेद ( गला बैठना ) , प्यास आदि में लाभकारी यह संग्राहक , वेदनाशामक तथा निद्राप्रदायक है।
- इसमें भारीपन , तन्द्रा, वमन, सफेद रंग होना, लार गिरना, रोंए खड़े होना, थकान मालूम होना, बेहोशी, भ्रम, श्वास, आलस्य, अरुचि, आवाज रुकना, गला बैठना, मूत्र, नेत्र और विष्ठा का सफेद होना, रूखे, कड़वे और खट्टे पदार्थांे का अच्छा लगना, सूजन और मुँह का जायका नमकीन सा रहना-ये लक्षण होते हैं।