गुडगुडा का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- सो खाना खाकर ताऊ दोस्त रमलू सियार के साथ हुक्का गुडगुडा रहा था और रामप्यारी पास ही बडी उदास और मायूस बैठी थी . ताऊ ने उससे उदासी का कारण पूछा तो रामप्यारी बोली - ताऊ मेरी उदासी...
- सो खाना खाकर ताऊ दोस्त रमलू सियार के साथ हुक्का गुडगुडा रहा था और रामप्यारी पास ही बडी उदास और मायूस बैठी थी . ताऊ ने उससे उदासी का कारण पूछा तो रामप्यारी बोली - ताऊ मेरी उदासी
- मानस और एक दूसरे स्थानीय साथी जब चद्दर और फटहे कंबल में गुडगुडा रहे थे तो रजाई के भीतर से विष्णु जी की आवाज़ आई - साथी , सोचिए इस जाड़े में फुटपाथ पर सो रहे लोगों का क्या हाल होगा।
- मानस और एक दूसरे स्थानीय साथी जब चद्दर और फटहे कंबल में गुडगुडा रहे थे तो रजाई के भीतर से विष्णु जी की आवाज़ आई - साथी , सोचिए इस जाड़े में फुटपाथ पर सो रहे लोगों का क्या हाल होगा।
- मानस और एक दूसरे स्थानीय साथी जब चद्दर और फटहे कंबल में गुडगुडा रहे थे तो रजाई के भीतर से विष्णु जी की आवाज़ आई - साथी , सोचिए इस जाड़े में फुटपाथ पर सो रहे लोगों का क्या हाल होगा।
- ताऊ , जरा आंगन में जाकर देख, क़ानूनी नोटिस पड़ा होगा थारे नाम का इब थारे पास १ हफ्ते का टाइम से..... और यो के हैं.......सब पुस्तकों की कीमत ९९ रूपये मात्र कर दे...... ...मार्केटिंग नहीं आती तन्ने....ललित शर्मा जी की बात को कंसीडर करो ताऊ..... .....बहुत हुक्का गुडगुडा लिया तन्ने चौपाल पे....इब आया टेम हुक्के में पानी भरने का.....
- बीडी सिगरेट पी सकता था , गन्दी औरतों के बीच घुस कर उनकी रोचक बातें सुन सकता था , चाची के हँसी-मजाक में साझीदार हो सकता था , कटी हुई पतंगों के पीछे दौड़ सकता था , हुक्के गुडगुडा कर तिलिस्म-होश्रुबा की मीठी-मीठी चुस्कियाँ ले सकता था और सबसे बढ़ कर मामा जी और चमारिन की प्रेमलीला का आनंद ले सकता था .
- आओ पहाड़ आओ , अपने कैमरे साथ ले आना झोड़ा-चांचरी , छोलिया नृत्य , सातूं-आठूं , जागर , सब कैद कर ले जाओ , दो-चार बूढ़ी हड्डियां तुम्हें हर गांव में मिल जाएँगी , जिनके साथ तुम थोड़ी देर हुक्का गुडगुडा सकते हो , दो-चार मडुवे की रोटियां तोड़कर उनके साथ तुम वो सब उगलवा सकते हो जो तुम्हें अपनी किताबों में लिखने के लिए चाहिए
- महाराज की चिंता को दूर करते हुये उनके सभी सलाहकारों ने प्रस्ताव पारित करके कमेटी के पास भेजा ही इस लिये है कि महाराज की वाहवाही हो जाये और प्रस्ताव लंबे समय तक यूंही पडा रहेगा . ..तब तक तोतले ठंडे पड जायेंगें.आपको एक दिन का आंखों देखा हाल ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र के राज परिवार का सुनाते हैं, जिससे आपको अंदाज हो जायेगा कि महाराज कैसे शासन चला रहे थे और उनके अंधे बहरे होने का क्या फ़ायदा था.एक रोज सुबह सुबह ताऊ महाराज धॄतराष्ट्र हुक्का गुडगुडा रहे थे कि उनको पुत्र दुर्योधन की आहट सुनाई दी.