गुमड़ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- कबड्डी प्रतियोगिता में पुरखास राठी , कैलाना , अगवानपुर , गुमड़ , शेखपुरा , पुरखास धीरान की टीमें शामिल हुई फाइनल मैच में पुरखास ने 27 तथा शेखपुरा ने 15 अंक लिए विजेताओं को नगद राशि देकर पुरस्कृत किया।
- कबड्डी प्रतियोगिता में पुरखास राठी , कैलाना , अगवानपुर , गुमड़ , शेखपुरा , पुरखास धीरान की टीमें शामिल हुई फाइनल मैच में पुरखास ने 27 तथा शेखपुरा ने 15 अंक लिए विजेताओं को नगद राशि देकर पुरस्कृत किया।
- खेड़ी गुज्जर , खूबडू , सैरूया खेड़ा , रामनगर , तेवड़ी , बजाना , पुगथला , राजलू , गुमड़ , खिजरपुर अहीर माजरा , भांवर , राजपुर , उदेशीपुर , बलीकुतुबपुर , आहुलाना , अटज्ञयल , कैलाना , पुरखास , नयाबांस , सरढाना , उमेदगढ , पबनेरा , बेूगा , भोगीपुर , ग्यासपुर , छोटी गढी आदि से हजारों की संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए।
- खेड़ी गुज्जर , खूबडू , सैरूया खेड़ा , रामनगर , तेवड़ी , बजाना , पुगथला , राजलू , गुमड़ , खिजरपुर अहीर माजरा , भांवर , राजपुर , उदेशीपुर , बलीकुतुबपुर , आहुलाना , अटज्ञयल , कैलाना , पुरखास , नयाबांस , सरढाना , उमेदगढ , पबनेरा , बेूगा , भोगीपुर , ग्यासपुर , छोटी गढी आदि से हजारों की संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए।
- नया वर्ष एक पत्थर है ट्रक के पहिये से छिटक कर मेरे सर पर आ लगा है और अब एक पत्थर मेरे भीतर भी है , सर पर उग आये गुमड़ में | इन्हीं दो पत्थरो के बीच रख पीसना है मुझे- साल भर मसाला ( इस सन्नाटे में लगाने को छौंक ) पीसनी है मुझे- साल भर गेंहू दर्रनी है मुझे - साल भर दाल और पूरे साल वही रोटी - वही दाल |
- गढ़ी केसरी के दीपक शर्मा , वार्ड-15 के बनी सिंह व प्रेम सिंह, गुमड़ के रामकुमार तथा बीएसटी कालोनी के सी-ब्लॉक की महिलाओं इमली, सविता, संतरा, अशोक नगर की ही प्रोमिला, कमला व बिमला, गांव पुगथला के सुरेंद्र ने गली बनवाने तथा ट्यूबवैल लगवाने, अशोक नगर में ब्रह्मकुमारी बीके सीमा ने प्रजापिता ब्रह्मकुमारी आश्रम में आदि ने सबमर्सीबल लगवाने की मांग की, जिस पर स्पीकर ने कहा कि पानी की समस्या समाधान की दिशा में प्रभावी प्रयास किए गए हैं।
- और पत्नी के कोप से हुई धुनाई से पति के सर पर गुमड़ निकल आती है , तो ये घटना अन्तर्जात बलों द्वारा सर रूपी धरातल पर उत्पन वलन कहेलाती है, जगह-जगह उभरी ये आकृतिया पंखाकार वलन कहेलाती है, कपड़ो के नीचे दबे वलनो को बंद वलन कहते है, और जब ये भुआक्रतिया मुखमंडल पर उभर आती है तो इन्हें खुले वलन की संज्ञा दी जाती है, बेलन की मार से जब पति की हड्डिया मूल स्थान से चटक जाती है ये घटना भूगोल में फाल्टिंग अर्थात भ्रन्शन कहेलाती है।
- में लिखता हूँ क्योंकि मुझे लिखना अच्छा लगता है , पहले भी लिखता था पर छपता नहीं था , मन के अन्दर अक्सर उमड़ गुमड़ होता है , बाहर कागज़ पर छप जाए तो मन शांत हो जाता है , अगर रद्दी में नहीं बिकी हैं तो अभी भी मिल जाएँगी , मेरी अनछपी रचनाएं , पर शायद अब मैं उन्हें पहचान भी न पाऊँ , बहुत कुछ बदल गया है इस बीच , मन बदल गया है , मोहल्ला बदल गया है , सोच ही नहीं सोच का तरीका भी बदल गया है।
- और पत्नी के कोप से हुई धुनाई से पति के सर पर गुमड़ निकल आती है , तो ये घटना अन्तर्जात बलों द्वारा सर रूपी धरातल पर उत्पन वलन कहेलाती है , जगह-जगह उभरी ये आकृतिया पंखाकार वलन कहेलाती है , कपड़ो के नीचे दबे वलनो को बंद वलन कहते है , और जब ये भुआक्रतिया मुखमंडल पर उभर आती है तो इन्हें खुले वलन की संज्ञा दी जाती है , बेलन की मार से जब पति की हड्डिया मूल स्थान से चटक जाती है ये घटना भूगोल में फाल्टिंग अर्थात भ्रन्शन कहेलाती है।