गोरखमुण्डी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- 23 . गोरखमुण्डी : गोरखमुण्डी के फूलों के चूर्ण को शहद में मिलाकर खाने से शरीर में ताकत आती है।
- शरीर में शक्ति बढ़ाने के लिए गोरखमुण्डी की जड़ के चूर्ण को दूध के साथ 2 साल तक लेना चाहिए।
- 5 ग्राम सूखा धनिया , 5 ग्राम गोरखमुण्डी के फूल और 8 मुनक्का लेकर 125 ग्राम पानी में 3 घंटे के लिये भिगोकर रख दें।
- गोरखमुण्डी गोरखमुण्डी के पंचांग ( जड़ , तना , पत्ती , फल और फूल ) को पुष्पागमन से पूर्व काले भांगरे अथवा सामान्य भृंगराज को भी छाया में सुखा लेते हैं।
- गोरखमुण्डी गोरखमुण्डी के पंचांग ( जड़ , तना , पत्ती , फल और फूल ) को पुष्पागमन से पूर्व काले भांगरे अथवा सामान्य भृंगराज को भी छाया में सुखा लेते हैं।
- - गोरखमुण्डी का पौधा लाकर उसको धोकर होली की रात उसका पूजन करें फिर उसको होली की अग्नि में सुखा दें तथा पांच दिन सूखने दे पंचमी के दिन उसको पीसकर चूर्ण बना लें।
- जोड़ों के दर्द को दूर करने के लिए 5 - 5 ग्राम बरना की छाल , सोया , बच , सोंठ , गोखरू , पुनर्नवा , देवदारू , कपूर , तथा गोरखमुण्डी को लेकर तथा पीसकर चूर्ण बना लें।
- मुण्डी ( गोरखमुण्डी ) के पंचांग ( फल , जड़ , तना , फूल और पत्तों ) के रस को 10 से लेकर 20 मिलीलीटर तक खुराक के रूप में सुबह-शाम पीने से स्तनों में आने वाली गिल्टी ( गांठें ) कम होकर समाप्त हो जाती हैं।