चाण्डाली का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- तब काल-पुरुष का हृदय चीरकर उसमें से एक पापात्मा चाण्डाल प्रकट हुआ फिर थोड़ी देर के बाद निन्दा भी चाण्डाली का रूप धारण करके काल-पुरुष के शरीर से निकली और ब्राह्मण के पास आ गयी , इस प्रकार चाण्डालों की वह जोड़ी आँखें लाल किये निकली और ब्राह्मण के शरीर में हठात प्रवेश करने लगी , ब्राह्मण मन ही मन गीता के नौवें अध्याय का जप करते थे और राजा चुपचाप यह सब कौतुक देखने लगे , ब्राह्मण के अन्तःकरण में भगवान गोविन्द शयन करते थे , वे उन्हीं का ध्यान करने लगे।