छठाँ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ऐसे चरित्र दिग्भ्रमित मानवता के उत्थान का साक्षी बनकर , शाश्वत मूल्यों की थाती लेकर हमारे सम्मुख उपस्थित होते हैं और पुकार उठते हैं-'असतो मां सद्गमय'” छठाँ दृश्य
- * कन्या लग्न में छठाँ सूर्य वही शनि की राशि कुंभ में द्वादशेश होने से बाहरी संबंध उत्तम रहेंगे , लेकिन षष्ट भाव से संबंधित मामलों में कष्ट रहेगा।
- * वृश्चिक लग्न में छठाँ सूर्य दशमेश होकर उच्च का होने से उस जातक को चर्म रोग व अन्य बीमारी का कारण भी बनेगा लेकिन कर्ज व शत्रु नहीं होने देगा।
- चिकित्सक- शिक्षक श्रीकृष्ण इस महत्त्वपूर्ण पाँचवें अध्याय का छठाँ श्लोक हमें बड़े स्पष्ट रूप में कह रहा है कि कर्मों के संपादन के बिना कर्मों का त्याग संभव नहीं है अर्थात् मन , इंद्रिय और शरीर द्वारा होने वाले संपूर्ण कर्मों में कर्तापन का त्याग प्राप्त होना कठिन है।