छांदोग्य उपनिषद् का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- छांदोग्य उपनिषद् समवेदीय छांदोग्य ब्राह्मण का औपनिषदिक भाग है जो प्राचीनतम दस उपनिषदों में नवम एवं सबसे बृहदाकार है।
- छांदोग्य उपनिषद् समवेदीय छांदोग्य ब्राह्मण का औपनिषदिक भाग है जो प्राचीनतम दस उपनिषदों में नवम एवं सबसे बृहदाकार है।
- छांदोग्य उपनिषद् समवेदीय छान्दोग्य ब्राह्मण का औपनिषदिक भाग है जो प्राचीनतम दस उपनिषदों में नवम एवं सबसे बृहदाकार है।
- सत्यकाम जाबाल , महर्षि गौतम के शिष्य थे जिनकी माता जबाला थीं और जिनकी कथा छांदोग्य उपनिषद् में दी गई है।
- ” सत्यकाम जाबाल , महर्षि गौतम के शिष्य थे जिनकी माता जबाला थीं और जिनकी कथा छांदोग्य उपनिषद् में दी गई है।
- आइए भारतीय संस्कृति में नारी की दशा का आकलन करने के लिए छांदोग्य उपनिषद् के एक मुख्य प्रसंग पर भी दृष्टि डाल लेते हैं।
- आइए भारतीय संस्कृति में नारी की दशा का आकलन करने के लिए छांदोग्य उपनिषद् के एक मुख्य प्रसंग पर भी दृष्टि डाल लेते हैं।
- उल्लेखनीय है कि उपनिषदों का रचना काल भी यजुर्वेद के आसपास ही माना जाता है जबकि छांदोग्य उपनिषद् में धात्विक मिश्रणन का स्पष्ट वर्णन मिलता है।
- ( छांदोग्य उपनिषद् ) अर्थात्- भोजन शुद्ध होता है तो अंतःकरण शुद्ध और पवित्र होता है और अंतःकरण अर्थात् सत्त्व शुद्धि से पूर्णतत्त्व परमात्मा का अनंत स्मरण होता है।
- छांदोग्य उपनिषद् के अनुशार जो चंद्रमा में पुरुषरूपी ब्रह्मा कि उपासना करता है , उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं , उसे जीवन में किसी प्रकार का कष्ट नहीं होता।