छायादान का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- आश्वासन दान , 4 . आजीविका दान , 5 . छायादान , 6 . श्रमदान , 7 . शरीर के अंगों का दान , 8 .
- - ग्रहण के मोक्ष काल में दिए गए दान को ग्रहण छायादान कहा जाता है , दान करने के पश्चात स्नान करने का भी विधान शास्त्रों में है।
- पीपल पूजा : शनिवार की अमावस्या को पीपल वृक्ष की पूजा और सात परिक्रमा करके काले तिल से युक्त सरसो के तेल के दीपक को जलाकर छायादान करने से शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है।
- इस दिन के विशेष ग्रहयोग में पीपल के वृक्ष का सविधि पूजन एवं सात परिक्रमा करने के पश्चात् पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके काले तिल से युक्त सरसों के तेल का दीपक जलाकर छायादान करने से शनि पीड़ा से मुक्ति मिलती है।
- क्या यह अच्छा नहीं हुआ , जो सृष्टिकर्त्ता ने वृक्ष समुदाय को अभिव्यक्ति का उपहार नहीं दिया, अन्यथा वे भी तपन से क्लांत पiथकों से छायादान के प्रतिफल में कागजी मुद्रा माँग बैठते, जैसे हमारे सरपंच, पटवारी, गौंटिया, मीठे अंदाज में ऐंठ लेते हैं।
- इस राहु की द्रिष्टि में अगर सूर्य है तो जातक अपने पिता और पुत्र के लिये ग्रहण देने वाला होता है , जातक को बचने के लिये सोमवती अमावस्या को एक छाता अपने ऊपर तान कर या किसी काले वस्त्र का छायादान करना चाहिये .
- के लिये , मेवा ५० ग्राम, पेडा ५० ग्राम, बूरा ५० ग्राम,केला चार,माला दो,२७ खेडों की लकडी, २७ वृक्षों के अलग अलग पत्ते,२७ कुंओ का पानी,गंगाजल यमुना जल,हरनन्द का जल,समुद्र का जल अथवा समुद्र फ़ेन,आम के पत्ते,पांच रत्न,पंच गव्य वन्दनवार,हल,२ बांस की टोकरी,१०१ छेद वाला कच्चा घडा,१ घंटी २ टोकरी छायादान के लिये,१ मूल की मूर्ति स्वनिर्मित,बैल गाय २७ सेर सतनजा,७ प्रकार की मिट्टी, हाथी के नीचे की घोडे के नीचे की गाय के नीचे की तालाब की सांप की बांबी की नदी की और राजद्वार की वेदी के लिये पीली मिट्टी।