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छायापथ का अर्थ

छायापथ अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. प्रासंगिक रूप में लिखने वाले कवियों में से हरिऔध के ' चोखे चौपदे ' , ' चुभते चौपदे ' , चतुर्भुज चतुरेश कृत ' हंसी का फव्वारा ' तथा ज्वालाराम नागर कृत ' छायापथ ' उल्लेखनीय रचनाएं हैं।
  2. प्रासंगिक रूप में लिखने वाले कवियों में से हरिऔध के ' चोखे चौपदे ' , ' चुभते चौपदे ' , चतुर्भुज चतुरेश कृत ' हंसी का फव्वारा ' तथा ज्वालाराम नागर कृत ' छायापथ ' उल्लेखनीय रचनाएं हैं।
  3. सर्वस्व-समर्पण करने की विश्वास-महा-तरु-छाया में , चुपचाप पड़ी रहने की क्यों ममता जगती हैं माया में? छायापथ में तारक-द्युति सी झिलमिल करने की मधु-लीला, अभिनय करती क्यों इस मन में कोमल निरीहता श्रम-शीला? निस्संबल होकर तिरती हूँ इस मानस की गहराई में, चाहती नहीं जागरण कभी सपने की इस सुघराई में।
  4. सर्वस्व-समर्पण करने की विश्वास-महा-तरु-छाया में , चुपचाप पड़ी रहने की क्यों ममता जगती हैं माया में ? छायापथ में तारक-द्युति सी झिलमिल करने की मधु-लीला , अभिनय करती क्यों इस मन में कोमल निरीहता श्रम-शीला ? निस्संबल होकर तिरती हूँ इस मानस की गहराई में , चाहती नहीं जागरण कभी सपने की इस सुघराई में।
  5. सर्वस्व-समर्पण करने की विश्वास-महा-तरु-छाया में , चुपचाप पड़ी रहने की क्यों ममता जगती हैं माया में ? छायापथ में तारक-द्युति सी झिलमिल करने की मधु-लीला , अभिनय करती क्यों इस मन में कोमल निरीहता श्रम-शीला ? निस्संबल होकर तिरती हूँ इस मानस की गहराई में , चाहती नहीं जागरण कभी सपने की इस सुघराई में।
  6. सर्वस्व समर्पण करने की विश्वास महा तरु छाया में ; चुपचाप पड़ी रहने कीक्यों ममता जगती है माया में ? छायापथ में तारक द्युति सी झिलमिल करने की मधु लीला ; अभिनय करती क्यों इस मन में कोमल निरीहता श्रम शीला ? निस्संबल होकर तिरती हूँ इस मानस की गहराई में ; चाहती नहीं जागरण कभी सपने की इस सुघराई में ।
  7. सर्वस्व समर्पण करने की विश्वास महा तरु छाया में ; चुपचाप पड़ी रहने कीक्यों ममता जगती है माया में ? छायापथ में तारक द्युति सी झिलमिल करने की मधु लीला ; अभिनय करती क्यों इस मन में कोमल निरीहता श्रम शीला ? निस्संबल होकर तिरती हूँ इस मानस की गहराई में ; चाहती नहीं जागरण कभी सपने की इस सुघराई में ।
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