छुक-छुक गाड़ी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- उदय और आम्रपाली के साथ छुक-छुक गाड़ी मेंअभनपुर जंक्शन भाई दूज मनाने का चलन बढा , जब से गाँव के घर-घर में गाड़ियाँ हुई, लोग पहुंच जाते हैं बहन-बेटियों के घर।
- उदय और आम्रपाली के साथ छुक-छुक गाड़ी में अभनपुर जंक्शन भाई दूज मनाने का चलन बढा , जब से गाँव के घर-घर में गाड़ियाँ हुई , लोग पहुंच जाते हैं बहन-बेटियों के घर।
- पापाः- बेटा देखो अभी हम लोग नहीं जाएंगें तो अगली गर्मियों की छुटटी में कैसे आएंगें ? हां .......... बोलो तुम्हें छुक-छुक गाड़ी में नहीं चढ़ना ? चढ़ना हैं न तो चलो जल्दी से तैयार हो जाओ घर जाने के लिए।
- लोग टॉय ट्रेन की सवारी करने मेले ठेले में जाते हैं , हमारे घर के पास से गुजरी ट्रेन में कभी बच्चे बैठे नहीं यही सोचकर निर्णय लिया कि भाई दूज के दिन बुआ जी के घर धमतरी चला जाए , भाई दूज भी मन जाएगी और बच्चे भी छुक-छुक गाड़ी की सैर कर लेगें।
- हम सब अपने अनुभवों को बांटने लगते है , कोई सालासर बालाजी जा रहा है तो कोई श्याम बाबा के चरणों में धौक देने , किसी को रानिसती दादी का बुलावा आया है तो किसी के पीहर में भतीजा हुआ है , किसी के भाई को सेहरा बंधेगा तो किसी की बहन डोली में बैठेगी , हजारो बहाने है हम मारवाड़ियों के पास , अपनों को अपने गाँव बुलाने के छुक-छुक गाड़ी सरहदे पार करती है , महारास्ट्र , मध्यप्रदेश और फिर राजस्थान .