छेकानुप्रास का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ( यमक - पानी , छेकानुप्रास - स और म , अन्त्यानुप्रास और वृत्यानुप्रास - न )
- छेकानुप्रास : जहाँ एक या अनेक वर्णों की आवृत्ति केवल एक बार हो वहाँ छेकानुप्रास होता है .
- छेकानुप्रास : जहाँ एक या अनेक वर्णों की आवृत्ति केवल एक बार हो वहाँ छेकानुप्रास होता है .
- यहाँ उल्लेखनीय है कि पुनरुक्तवदाभास , काव्यलिंग, छेकानुप्रास, दृष्टांत और संकर ये पाँच अलंकार काव्यालंकार सारसंग्रह में ही मिलते हैं।
- रहीम के इस बेहद लोकप्रिय दोहे में वाक्यावृति यमक के साथ-साथ छेकानुप्रास , अन्त्यानु्प्रास और वृत्यानुप्रास की छटा भी दष्टव्य है।
- हिन्दी फिल्म के इस गीत में ' न' - 'र' - 'म' तथा 'क' अक्षरों की बारंबारता के लिए छेकानुप्रास अलंकार का आभास होता है|
- छेकानुप्रास जहां एक या अनेक वर्णों की क्रमानुसार आवृत्ति केवल एक बार हो अर्थात एक या अनेक वर्णों का प्रयोग केवल दो बार हो , वहां छेकानुप्रास होता है।
- छेकानुप्रास जहां एक या अनेक वर्णों की क्रमानुसार आवृत्ति केवल एक बार हो अर्थात एक या अनेक वर्णों का प्रयोग केवल दो बार हो , वहां छेकानुप्रास होता है।
- कविता में अन्त्यानुप्रास अलंकार है जैसे कि बादल , जल प्रकृति का सुन्दर चित्रण हुआ है | छेकानुप्रास अलंकार का सुन्दर प्रयोग हुआ है जैसे जग रजनी भर तारा छायावाद काल की कविता है |
- ' दीप धरो उस द्वार पर ' , ' निकल पड़ा दिनमान ' , किसका चलता जोर ' , भारत में बाज़ार ' आदि में श्रुत्यानुप्रास , है जबकि ' स्वर्ण कलश कर में लिए ' में छेकानुप्रास है .