जन्तुविज्ञान का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- बिली अर्जन सिंह से मेरी पहली मुलाकात सन १९९९ ई में हुई , इसी वक्त मैने जन्तुविज्ञान में एम०एससी० करने की बाद वन्य जीवों पर पी०एचडी० करने का निर्णय किया ।
- तो मुंह से जो निकला , वह जन्तुविज्ञान ( Zoology ) के छात्र होने के नाते ठीक ही बिम्ब था , आगे की बात के पहले वही सुन लीजिए ...
- बहुत दिन हुए , नैनीताल छोड कर आए हुए पर अपने विधार्थी जीवन की जो अच्छी यादे है, निसंदेह जन्तुविज्ञान विभाग के प्रोफेस्सर गिल के लेक्चर और पढाने का उनका ज़ज्बा भी उसमे शामिल है।
- मानविकी के विषय जैसे समाजशास्त्र , इतिहास , लोक प्रशासन के स्टूडेंट्स की तुलना मैथ्स , जन्तुविज्ञान और कॉमर्स के स्टूडेंट्स से करना कठिन होता था इसलिए आयोग परीक्षा में व्यापक फेरबदल कर रहा है।
- मानविकी के विषय जैसे समाजशास्त्र , इतिहास , लोक प्रशासन के स्टूडेंट्स की तुलना मैथ्स , जन्तुविज्ञान और कॉमर्स के स्टूडेंट्स से करना कठिन होता था इसलिए आयोग परीक्षा में व्यापक फेरबदल कर रहा है।
- बहुत दिन हुए , नैनीताल छोड कर आए हुए पर अपने विधार्थी जीवन की जो अच्छी यादे है, निसंदेह जन्तुविज्ञान विभाग के मंगलेश डबराल की कविता- अगले दिन मंगलेश डबराल मेरे पसंदीदा कवियों मे से है।
- बिली अर्जन सिंह से मेरी पहली मुलाकात सन १ ९९९ ई में हुई , इसी वक्त मैने जन्तुविज्ञान में एम ० एससी ० करने की बाद वन्य जीवों पर पी ० एचडी ० करने का निर्णय किया ।
- जिनके कथ्य और शिल्प अनायास ही चमत्कृत करते हैं . ......जानते हैं कौन है वो ?वो हैं श्री मनोज कुमार ( नाम : मनोज कुमार, जन्म 1962, ग्राम - रेवाड़ी, ज़िला - समस्तीपुर, बिहार शिक्षा - स्नातकोत्तर जन्तुविज्ञान (एमएससी जूऑलजी) पत्र पत्रिकाओं में लेखन, कादम्बिनी, मिलाप, राजस्थान पत्रिका आदि में लेख, कहानी, आकाशवाणी हैदराबाद पर कविताएं प्रकाशित।
- जन्तुविज्ञान , वनस्पतिविज्ञान , अर्थशास्त्र , में ज्यादातर रेखाचित्रों व चित्रों का प्रयोग वहुतायत में होता हैं परन्तु रसायन विज्ञान व भौतिक विज्ञान में भी कई बार एसे रेखाचित्र व चित्र प्रयोग होते हैं याद रखे हमेशा चित्रों की कलात्मकता का यहाँ महत्व नही होता है यहाँ आपके चित्रों के हर अँश का सटीक नामांकन व चित्र के अनुपात का मूल्य होता है और चित्रों पर अच्छे नम्बर दिये जाते हैं।
- जन्म- 11 - 0 8 - 1977 , स्कूली शिक्षा मैनहन की प्राथमिक पाठशाला में , मितौली के राजा लोने सिंह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय से कक्षा आठ , इण्टर कालेज लखीमपुर शहर के धर्म सभा में , विज्ञान स्नातक की शिक्षा युवराज दत्त महाविद्यालय लखीमपुर से , एशिया के विशालतम महाविद्यालय दयानन्द एंग्लों वैदिक कालेज से परास्नातक की शिक्षा जन्तुविज्ञान में प्रथम श्रेणी से , यहीं से शुरूवात हुई प्रकृति का अध्ययन करने की उत्कंठा अत : पी . एचडी . में दाखिला लेकर मैं चल पड़ा अपने दुधवा जंगल की तरफ।