ज़ईफ़ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ( कुछ ज़ईफ़ व मशकूक हदीसों में अहला बैती की जगह सुन्नती इस्तेमाल हुआ है।
- शैख अल्बानी रहिमहुल्लाह ने फरमाया : ‘‘ मैं कहता हूँ कि उसकी इसनाद ज़ईफ़ है ;
- उसकी कोई सनअत कमज़ोर नहीं है और उसने जिसको क़ूवत दे दी है वह ज़ईफ़ नहीं है।
- ज़रूर गाँव में रोती हैं दो ज़ईफ़ आँखें कई दिनों से यहाँ आंसुओं से तर हम हैं
- ' ' अल्बानी ने ज़ईफल जामे हदीस संख्या : 6287 के अंर्तगत फरमाया है कि यह हदीस ज़ईफ़ है।
- इसकी बारगाह में अज़ीम व लतीफ़ , सक़ील व ख़फ़ीफ़ , क़वी व ज़ईफ़ सब एक ही जैसे हैं।
- स . ) के बारे में कुछ रिवायतों पर ऐतेराज़ किया है और उन्हें ज़ईफ़ बताया है , और हज़रत इमाम महदी ( अ.
- गैर मकबूल या ज़ईफ़ - जिस हदीस मे न तो सही हदीस की सिफ़ात हो और न हसन हदीस की सिफ़ात हो |
- झूठे और अक़ल से पैदल मुहद्दिस लिखते हैं कि बुख़ारी को चार लाख हदीसें याद थीं जिसमे दो लाख हदीसें उन्होंने ज़ईफ़ क़रार दिया .
- इस रिवायत को अल्लामा अनवर शाह कश्मीरी रह० शेखुल हदीस दारुल उलूम देवबन्द ने ज़ईफ़ यानी ( पुरानी और कमज़ोर जिसका कोई और सुबूत नहीं हो)