जाम्बवान् का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- वह अभी पर्वत की गुफा में प्रवेश कर ही रहा था कि मणि के लिए ऋक्षराज जाम्बवान् ने उसे मार डाला।
- भावार्थ : - बुरा वेष बना लेने पर भी साधु का सम्मान ही होता है , जैसे जगत में जाम्बवान् और हनुमान् जी का हुआ।
- भावार्थ : - ( जाम्बवान् ने कहा- ) हे तात ! तुम जाकर इतना ही करो कि सीताजी को देखकर लौट आओ और उनकी खबर कह दो।
- परन्तु जब जाम्बवान् ने कहा कि आपका अवतार ही रामजीका काम करनेके लिये हुआ है , तब हनुमान् जीको तत्काल अपना सब बल याद आ गया -
- श्री रघुनाथजी ने कहा कि तुम , वानरराज सुग्रीव , अंगद , नल , नील जाम्बवान् और मारुति सब नीतिनिपुण लोग मिलकर विभीषण के साथ जाओ और उन्हें राजतिलक कर दो।
- भावार्थ : - जाम्बवान् ने नल-नील दोनों भाइयों को बुलाकर उन्हें सारी कथा कह सुनाई (और कहा-) मन में श्री रामजी के प्रताप को स्मरण करके सेतु तैयार करो, (रामप्रताप से) कुछ भी परिश्रम नहीं होगा॥3॥
- ७ ३ . ४ ६ ( इन्द्रजित् द्वारा गन्धमादन पर १ ८ , नल पर ९ , मैन्द पर ७ , गज पर ५ , जाम्बवान् पर १ ० , नील पर ३ ० बाणों द्वारा प्रहार ) , ६ .
- ७ ३ . ४ ६ ( इन्द्रजित् द्वारा गन्धमादन पर १ ८ , नल पर ९ , मैन्द पर ७ , गज पर ५ , जाम्बवान् पर १ ० , नील पर ३ ० बाणों द्वारा प्रहार ) , ६ .
- भावार्थ : - यहाँ ( सुबेल पर्वत पर ) प्रातःकाल श्री रघुनाथजी जागे और उन्होंने सब मंत्रियों को बुलाकर सलाह पूछी कि शीघ्र बताइए , अब क्या उपाय करना चाहिए ? जाम्बवान् ने श्री रामजी के चरणों में सिर नवाकर कहा-॥ 1 ॥
- भावार्थ : - यहाँ ( सुबेल पर्वत पर ) प्रातःकाल श्री रघुनाथजी जागे और उन्होंने सब मंत्रियों को बुलाकर सलाह पूछी कि शीघ्र बताइए , अब क्या उपाय करना चाहिए ? जाम्बवान् ने श्री रामजी के चरणों में सिर नवाकर कहा-॥ 1 ॥