जिह का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- कवन करम ते छूटी ऐ जिह साधे सभ सिधि होई।।
- दुख संकट गाढ परै जिह को तिह को रसखान सुहाय अली॥
- दुख संकट गाढ परै जिह को तिह को रसखान सुहाय अली॥
- कह नानक हरि भज मना जिह बिध जल की मीन ।
- ' रविदास ' पूजह उस राम कूं , जिह निरन्तर प्रीति।।
- ' रविदास ' पूजह उस राम कूं , जिह निरन्तर प्रीति।।
- जिह सिमरत संकट मिटै दरसु तुहारो होइि || ५ ७ ||
- न बीचारिओ राजा राम को रसु || जिह रस अन रस बीसरि
- आगि लगऊ तिह धउलहर , जिह नाही हरि को नाउ॥१५॥ इस श्लोक मे कबीर जी अपने निजि विचार व्यक्त कर रहे हैं कि यदि कोई संत है, परमात्मा का प्यारा है।
- आगि लगऊ तिह धउलहर , जिह नाही हरि को नाउ॥१५॥ इस श्लोक मे कबीर जी अपने निजि विचार व्यक्त कर रहे हैं कि यदि कोई संत है, परमात्मा का प्यारा है।