ढफ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ढोल और मृदंग , ढफ और झाल पर, जब सधे हुए हाथों की मस्ती भरी थाप पड़ती है तो वातावरण में स्वर और संगीत का एक झरना सा कल-कल बहने लगता है।
- रज्जुहीन अवनद्ध वाद्यः इन वाद्यों में `मुख ' को चर्म से मढ़ने केलिए, वाद्यमुख की बाहरी परिधि पर चर्म का वृत्ताकार बाहरी किनारा चारोंओर से चिपका दिया जाता है, जैसे खंचरी, चंग, ढफ इत्यादि.
- इसी का वर्णन करते हुए प्रसिद्ध लोक कवि नज़ीर अकबराबादी कहते हैं- जब फागुन रंग झमकते हों तब देख बहारें होली की और ढफ के शोर खड़कते हों तब देख बहारें होली की . ..
- दोनो पक्षो के विरोध प्रदर्शन के लिए पहाड़ी का खन्न कार्य पूरी तरह से ढफ रहा तथा जिस प्रकार से दोनो पक्ष आंदोलन पर उतारू है उससे लगता है कि जल्दी कोई रास्ता निकलने वाला नही है।
- हरियाणा की होली में ढफ और नगाड़ों से , बृज में मृदंग, झाल और पखावज से, बिहार में झांझ और झाल से, पूर्वी उत्तर प्रदेश में चंग और डमरू से गीतों को संगीत के पंखों पर बैठाया जाता है।
- बज उठे ढफ ढोल दुन्दुभि मृदंग संग अंग-अंग भरते उमंग रण-वाद्य थे , प्रांगण में रण के पहुँचते ही क्षण में भिड़ गये परस्पर क्रुद्ध दोनो सिंह से परम कठोर घोर धनुष-टंकोर से, बधिर विवर्ण हुये भूधर अकर्ण भी अनन्वय राम और रावण का युद्व था, खलबली मच गयी लोक-परलोक में शैल बन-कानन सहित डोली मेदिनी।
- अबीर-गुलाल और ढफ के बीच उठते धुँए सी यह फाग सुनते ही बनता है- ‘‘ मन होत तुम्हें देखत रहए , छिन छोड़ अलग ना काउँ जइए , मौन स्वभाव , साँवली सूरत , इन अँखियन विच घर लइए जब मिल जाता न नैनन सा देह धरा का फल पइए , ‘ र्इश्वर का दरस के लान रिवरकिन में ढकत रइए।
- धरती डोली , हौले हौले, बहे पवन -मुस्काता, बन, शशि, चँचल, हिरने पर ! फैलाती चाँदी सी- शरदिया चाँदनी मँदिरोँ मेँ बज रहे - शँख ढफ पखावज, मँजीरे धुन,कीर्तन के सँग! आई शरद ऋतु मन भावन, व्रत त्याहारोँ से घर आँगन पावन, नवरात्र रास, माँ सिँहधारिणी सौम्य सुहावन! करवा चौथ, दशहरा, आए पाप नशावन ! खनन्` - खनन्` मँजीर बज रहे धमक -धमक रास की रार मची -चरर्` चरर्` तैली का बैल चला -सरर्` सरर्` चुनरी लिपटी रमणी पर - शक्ति आह्वान करो! माँ भवानी सुमरो !