तंतुवाद्य का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- बकौल विष्णु खरे “ सबसे महत्वपूर्ण बात शायद यह है कि इन कविताओं में से अधिकांश में भगवत रावत भाषा की एक ऐसी विरल सादगी हासिल कर पाये हैं , जो अपनी संप्रेषणीयता में किसी तंतुवाद्य से जगाये गये सुदूर लेकिन गहरे संगीत की तरह है .
- सुंदरी कुमारियाँ रत्नावलियाँ कंठ में धारित कर , लोघ्ररेणु से कपोल-संस्कार कर , कमर में स्वर्ण-करधनी और पैरों में जड़ाऊ पैजनी पहन , आलक्तक पैरों को कुसुम स्तवकवाले उपानहों से सज्जित करके कोमल तंतुवाद्य और गम्भीर घोष मृदंग की धमक शुद्ध-स्वर-ताल पर उठाने-गिराने और भू पर आघात करने लगी।