तगण का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- एक वर्णवृत्त जिसके प्रत्येक चरण में एक तगण और एक यगण होता है।
- चौपाई के अंत में जगण ( लघु-गुरु-लघु) तथा तगण (गुरु-गुरु-लघु) वर्जित कहे गये हैं.
- में मगण , भगण, नगण, तगण, तगण और दो गुरु वर्णों पर यति होती है ।
- में मगण , भगण, नगण, तगण, तगण और दो गुरु वर्णों पर यति होती है ।
- यगण , मगण , तगण , रगण , जगण , भगण , नगण , सगण
- यगण , मगण , तगण , रगण , जगण , भगण , नगण , सगण
- ऽऽ ) , मगण (ऽऽऽ), तगण (ऽऽ।), रगण (ऽ।ऽ), जगण (।ऽ।), भगण (ऽ।।), नगण (।।।) और सगण (।।
- इसका स्वरुप इस प्रकार से है : ऽऽ । ऽऽ । ।ऽ । ऽऽ तगण तगण जगण दो गुरु
- इसका स्वरुप इस प्रकार से है : ऽऽ । ऽऽ । ।ऽ । ऽऽ तगण तगण जगण दो गुरु
- परंतु भक् तगण अथाह हैं इसलिए एक एक बूंद कृपा से भी कृपा का सागर बन हिलोरें मार रहा है।