तन्द्रिल का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- मुश्किल से तन्द्रिल आँखें खोलने की कोशिश की . ... सब धुंधला सा नज़र आया .....
- अपनी तन्द्रिल आंखों को चौंक कर खोलते हुए कीर्ति ने हड़बड़ाते हुए पति की ओर देख कर पूछा-
- अपनी केश-राशि को समेटते हुए उसने जैसे तन्द्रिल नयनों से मेरी ओर देखा . घड़ी भर को वह मूक हो गयी.
- और मैं ? मैं तो लगभग अचेत , तन्द्रिल हो , निश् चल , निश् चेष् ट बना बैठा था ।
- और मैं ? मैं तो लगभग अचेत , तन्द्रिल हो , निश् चल , निश् चेष् ट बना बैठा था ।
- उस समय उसकी आँखें तन्द्रिल हो गयी थी . उसकेमुख से परम आत्मीयता का चोला पहने जो शब्द निकले, वे इस प्रकार थे, 'इतना ऊँचान उठाओ बलराज कि फिर नीचे देखने में भय लगे.
- थोड़ी देर बाद लगा किसी ने सर के नीचे हाथ लगा , उठाया है उसे....मुश्किल से तन्द्रिल आँखें खोलने की कोशिश की ....सब धुंधला सा नज़र आया.....पर ये गालों पर पानी सा क्या फिसल रहा है...आँसू....लाल-लाल आँसू...और फिर उसकी आँखें मुंद गयीं.
- पर पर्दा गिरने तक मैं स्थिर खडी रही तेज़ लाईट की दमकती रौशनी में , स्टेज पर के धूम धडाके में , संगीत के शोर में , कोने के प्रज्जवलित दीपशिखा के घूमते तन्द्रिल धूँये में , दर्शकों की कतार की कतार के चुप्पी के सामने ।
- न जाने कब और कैसे शेखर की बाहरी शिथिलता उसके भीतर समा गयी और वह सो गया-थोड़ी-थोड़ी देर बाद बिजली की कड़कन से कुछ चौंककर वह जागा , पर वह जागरण एक तन्द्रिल व्यामोह से आगे नहीं बढ़ा , और ऊपर छाए हुए सप्तपर्णी के सोंधे प्रच्छन्न आश्वान में फिर लवलीन हो गया ...