तपित का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- मैदे का घोल , गर्मी से एक दो दिवस बाद, लगता है उफनने,और खमीर बना ये पदार्थ, जिसे जब,एक छिद्र के माध्यम से, अग्नि तपित घी में डाल कर, विभिन्न स्वरुप में तल कर, जब प्यार कि चासनी में डुबोया जाता है तो उसका यह रसमय व्यक्तित्व,सभी को भाता है पर जब टेड़े मेडे आकारों की ये रसासिक्त कृतियाँ, नहीं होती है जली कहीं भी क्यों कहलाती है जलेबी? मदन मोहन बाहेती 'घोटू' <<
- मैदे का घोल , गर्मी से एक दो दिवस बाद , लगता है उफनने , और खमीर बना ये पदार्थ , जिसे जब , एक छिद्र के माध्यम से , अग्नि तपित घी में डाल कर , विभिन्न स्वरुप में तल कर , जब प्यार कि चासनी में डुबोया जाता है तो उसका यह रसमय व्यक्तित्व , सभी को भाता है पर जब टेड़े मेडे आकारों की ये रसासिक्त कृतियाँ , नहीं होती है जली कहीं भी क्यों कहलाती है जलेबी ? मदन मोहन बाहेती ' घोटू '
- कहती रहती -जल में पहुंचेगे कैसे , काई में नहा रहे हैं .....लोग..........थक गई है ये !अपने युद्ध से नहीं,अच्छे लोंगो को जगाते जगाते !आखिरी गुलाब .....................देते हुए तुम पोंछ लोगी स्व नयन ! जब मै नहीं रहूंगी तुम्हारे साथ ,यादें तम्हें कमजोर नहीं होने देंगी !ये बात उभर के आएगी बार बार ,जीने के लिए चाहिए जीने के लिए !पॉँच गाँव जैसे पॉँच अधिकार ...मन बुद्धि मेहनत चुनाव फैसला !ये मिले! तो सब मुक्त हों!!जो ,सदियों से तपित हैं शापित हैं ! आखिरी गुलाब .................. रखते हुए तुम रोओगी तो नही न ........... प्रस्तुतकर्ता