तरणि का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- सिकता की सस्मित सीपी पर , मोती की ज्योत्स्ना रही विचर, लो पाले चढ़ी, उठा लंगर! मृदु मंद-मंद मंथर-मंथर, लघु तरणि हंसिनी सी सुन्दर तिर रही खोल पालों के पर!
- ' श्रीकृष्णार्पणमस्तु धरती के अन्तस्तल से जब अमृत-विंदु खिचता है ताप, तरणि का संश्लेषित,जब पादप से मिलता है मानव की निःश्वास-वायु से होता परिसंपुष्ट ,प्रकृति-नटी के इतने श्रम के बाद पुष्प खिलता है .अरविंद पाण्डेय
- वंशज की वेदना से व्यथित तरणि भी , डूबने लगे थे तब पश्चिम पयोधि में, पीला पड़ा “चन्द्र” जैसे फल हो खजूर का, हतप्रभ नभ की भी छाती हुई छलनी, रुदन मचाने लगे द्विज-गण चहुँधा।
- हड्डी व पत्थर के औज़ार व हथियार बनाना , उनसे शिकार व चमडा कमाने का कार्यं लेना, लकड़ी काटना-फाड़ना सीखना, बृक्ष के तने को 'तरणि' की भांति उपयोग में लाना, क्या ये सब वैज्ञानिक खोजें नहीं थीं?
- तिरम , तोफान , कान्हा , तीर्थ , तिलक , तरणि , सरोज , धृति , प्रमोद , अरुन , जब्बार , राहुल , भवानी तथा सभी लड़के-लड़कियाँ एवं विदेशी छात्र भी मिलकर खूब नाचने लगे।
- तिरम , तोफान , कान्हा , तीर्थ , तिलक , तरणि , सरोज , धृति , प्रमोद , अरुन , जब्बार , राहुल , भवानी तथा सभी लड़के-लड़कियाँ एवं विदेशी छात्र भी मिलकर खूब नाचने लगे।
- माँओं बहनों , कालिया को इंस्पायर्ड करने वाला अगर कोई हो सकता है , तो मात्र वह वंशीधर मधुसूदन , जिसने हज़ारों साल पहले उसे नाथ कर तरणि तनुजा कालिंदी के तट पर खींच लाया था .
- यह निर्विवाद रूप से कहा जा सकता है कि सर्वेश्वर जी अपने भावों को भाषा की तरणि से संप्रेषित करने में पूर्ण सफल हुए हैं उनकी भाषा अंग्रेजी , लोकभाषा , रूसी व चीनी भाषा को अपने अंदर आत्मसात किए हुए है।
- मैं प्रातः समय शरीर , वाणी और मन के द्वारा ब्रह्मा, इन्द्र आदि देवताओं से स्तुत और पूजित, वृष्टि के कारण एवं अवृष्टि के हेतु, तीनों लोकों के पालन में तत्पर और सत्व आदि त्रिगुण रूप धारण करने वाले तरणि (सूर्य भगवान) को नमस्कार करता हूँ।
- सरस घनश्याम आ जाओ ! तरणि के ताप से व्याकुल धरा की गोद जलती है दिशाएँ तप रहीं लू से हवाएं गर्म चलती हैं| निराश्रित वृद्ध सी दोपहर कुंवारी साध सी ढलती बढ़ी आ रही गर्मी अब सरासर सीढियां चढ़तीं| ये कैसी उठ रही लपटें असहनीय दर्द सी चुभती उधर अम्बर सुलगता है धरा